एसीबी की चित्तौड़गढ़ में बड़ी कार्रवाई चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल यूनिट ने चित्तौड़गढ़ टीम के साथ आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. टीम ने नौकर के जरिए ₹60,000 की रिश्वत लेते बस्सी रेंजर को धर दबोचा है. जिन्हें पकड़ने का बाद जिला मुख्यालय लाया गया. आरोपी ने घरेलू लकड़ी के निर्बाध कारोबार के लिए मासिक रकम तौर पर उक्त राशि वसूली थी.
एसीबी स्पेशल यूनिट उदयपुर के निरीक्षक आदर्श कुमार परिहार के नेतृत्व में बस्सी रेंजर के निवास पर यह कार्रवाई की गई. परिहार के अनुसार भगवान लाल कुमावत ने एसीबी के समक्ष शिकायत पेश की थी. जिसमें रेंजर सलीम ने आरोप लगाया कि घरेलू लकड़ी लाने-ले जाने के दौरान वन विभाग के कार्मिक उसे लगातार परेशान करते हैं. भगवान लाल ने अपनी शिकायत में बताया कि वह खातेदारी किसानों से घरेलू लकड़ी खरीद फरोख्त का काम करता है. पिछले महीने घरेलू लकड़ी से भरे वाहन को वन विभाग ने पकड़ लिया था.
उस दौरान रेंजर सलीम ने ₹1,00,000 लिए थे और उसके बदले उसे केवल ₹25,000 की रसीद दी गई थी. रेंजर सलीम ने इस कारोबार को निर्बाध तरीके से चलाने की एवज में विभागीय कर्मचारियों और खुद के लिए ₹1,00,000 मासिक देने के लिए कहा. उसके बाद वह डील ₹60,000 मासिक रकम पर तय हो गई. एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया जिसमें सलीम ने रिश्वत मांगा है इसकी पुष्टि हो गई. उसी क्रम में आज जुलाई 4 को एसीबी ने अपना जाल बिछाते हुए रिश्वत की राशि के साथ फरियादी भगवान लाल को रेंजर सलीम के निवास पर भेजा. सलीम ने अपने घरेलू नौकर मदन लाल गुर्जर को राशि लेने भेजा.
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मदनलाल ₹60,000 की रिश्वत की रकम लेकर रेंजर के निवास पर पहुंचा. तभी उसे एसीबी की कार्रवाई की भनक लग गई और उसने रिश्वत की राशि रेंजर ने अपने फ्लोर से नीचे फेंक दी. इसी बीच एसीबी टीम ने उस रिश्वत की राशि बरामद करते हुए नौकर मदनलाल और रेंजर सलीम को गिरफ्तार कर लिया. मदनलाल के हाथों पर नोटों का केमिकल पाया गया. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं रेंजर के सरकारी निवास के अलावा कोटा स्थित पैतृक निवास पर एसीबी टीम ने तलाशी ली. दोनों को उदयपुर स्थित एसीबी के विशेष न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा.