जयपुर. लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 25 की 25 सीटें हारने का कारण क्या रहा यह जानने के लिए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे द्वारा दो दिवसीय फीडबैक कार्यक्रम दिल्ली में रखा गया. जिसमें उन सभी सांसद प्रत्याशियों को बुलाया गया था जो चुनाव में हार गए थे. 2 दिन चले इस कार्यक्रम में साफ तौर पर एक बात तो निकल कर सामने आई है कि कांग्रेस की हार का सबसे प्रमुख कारण कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी और कांग्रेस के नेताओं का इन प्रत्याशियों को सहयोग नहीं करना रहा है.
दिल्ली में दो दिवसीय फीडबैक कार्यक्रम समाप्त, 10 प्रत्याशीयों ने नहीं दी फिडबैक
दिल्ली में 2 दिन चला हार के कारणों का फीडबैक कार्यक्रम मंगलवार को समाप्त हो गया. कार्यक्रम में हार का मुख्य कारण पार्टी की गुटबाजी और कांग्रेस के नेताओं के सहयोग नहीं करना सामने आया.
2 दिन चला फीडबैक कार्यक्रम मगंलवार को समाप्त हो गया, लेकिन एक खास बात निकल कर आई कि 25 में से 15 ही प्रत्याशी 2 दिन में अपना फीडबैक देने के लिए पहुंचे. 10 प्रत्याशियों ने किसी ना किसी कारण से दिल्ली पहुंचने में असमर्थता जता दी. 11 प्रत्याशियों ने सोमवार को अविनाश पांडे से मिलकर अपना फीडबैक दे दिया था. तो बाकी बचे चार प्रत्याशी जिनमें बीकानेर से मदन गोपाल मेघवाल, भरतपुर से अभिजीत जाटव, करौली से संजय जाटव और सीकर से सुभाष महरिया आज अपना फीडबैक देने दिल्ली पहुंचे.
10 सीटों के प्रत्याशी अपना फीडबैक देने दिल्ली नहीं पहुंचे. हालांकि इनमें से जयपुर की प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल कुछ दिन पहले ही अपना फीडबैक अविनाश पांडे को दे गई थी. इसके चलते उन्हें नहीं बुलाया गया था. बाकी बचे सांसद प्रत्याशियों में बाड़मेर से मानवेंद्र सिंह, अलवर से भंवर जितेंद्र सिंह, टोंक से नमो नारायण मीणा, उदयपुर से रघुवीर मीणा, गंगानगर से भरत मेघवाल, अजमेर से रिजु झुनझुनवाला, बरगढ़ से गोपाल सिंह इडवा, झुंझुनू से श्रवण कुमार, ज्योति मिर्धा इस फीडबैक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इन सभी प्रत्याशियों से लिखित में यह रिपोर्ट मांगी गई है, कि हार के कारण क्या रहे.