जैसलमेर. लोकसभा चुनाव 2019 में पोकरण और जैसलमेर शहर में भाजपा को भारी बढ़त मिली है. जैसलमेर शहर में हर बार भाजपा आगे रही. केवल गत विधानसभा चुनाव में करीब 4,000 वोटों से पिछड़ी थी. लेकिन इस बार चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ 8,500 वोटों की बढ़त मिली है.
भाजपा की जीत से ज्यादा 'स्वाभिमान' के हार के चर्चे...
जैसलमेर के पोकरण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई. कांग्रेस की ओर से जो दावे किए जा रहे थे वे धरातल पर कहीं नजर ही नहीं आए. ऐसे में इस चुनाव में जहां भाजपा की जीत की जितनी चर्चा नहीं है, उससे ज्यादा कांग्रेस के हार की चर्चा हो रही है.
वहीं, जैसलमेर विधानसभा में माना जा रहा था कि मानवेंद्र सिंह 50,000 से अधिक लीड लेंगे. इसकी वजह थी कि मुसलमान, राजपूत और एससी के वोट उन्हें मिलेंगे, लेकिन परिणाम इसका उल्टा नजर आया. मानवेंद्र को केवल 12,000 वोटों की लीड मिली. आमतौर पर राजपूत मतदाता का झुकाव भाजपा की तरफ रहता है. लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा था, क्योंकि 'स्वाभिमान' हावी था. नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है कि मानवेंद्र को राजपूतों का पूरा समर्थन नहीं मिला. मोदी लहर के आगे जातिवाद पीछे छूट गया और स्वाभिमान पर राष्ट्रवाद भारी पड़ा.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग थीं. उस दौरान जैसलमेर और पोकरण में वसुंधरा राजे के साथ-साथ राजपूतों को लेकर नाराजगी थी, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. जिससे भाजपा पिछड़ गई और उसे हार झेलनी पड़ी. लेकिन वर्तमान में मोदी का नाम हावी रहा और भाजपा के पक्ष में जमकर वोटिंग हुई. लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर से भाजपा रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजयी हुई. बावजूद इसके जितनी भाजपा की चर्चा नहीं है, उससे ज्यादा कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह की हार के चर्चे हो रहे हैं.