जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में तीन आरोपियों से साक्ष्यों की संयुक्त रूप से बरामदगी को लेकर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में आरोप पत्र पेश करने की स्वीकृति देने वाले अजमेर रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षक को 4 जून को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश राहुल शर्मा की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.
हाईकोर्ट ने चालान की स्वीकृति देने वाले आईजी और एसपी को किया तलब की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सामने आया कि पुलिस ने कार, मोबाइल और पर्स की बरामदगी सभी आरोपियों से संयुक्त रूप से दिखा दी. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है. एक ही साक्ष्य की एक से अधिक आरोपियों से बरामदगी कैसे हो सकती है? इसके साथ ही अदालत में आरोप पत्र पेश करने की स्वीकृति देने वाले अजमेर रेंज के आईजी और एसपी को तलब कर जवाब पेश करने को कहा है.
युवती से दुष्कर्म करने वाले रिश्तेदार को 10 साल की सजा
जयपुर. महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत ने युवती को नशीला पेय पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त कुलदीप रेगर को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 7000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2011 से वर्ष 2015 तक पीड़िता झुंझुनू में नर्सिंग का कोर्स कर रही थी पीड़िता की चाची के नजदीकी रिश्तेदार अभियुक्त का मई 2014 में दुर्घटना में पांव टूट गया था. इस पर अभियुक्त ने पीड़िता को पट्टी करने के बहाने अपने घर बुलाया और नशीली चाय पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया. इसके बाद अभियुक्त ने वीडियो सार्वजनिक करने का कह कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. अभियोजन पक्ष की और से कहा गया कि पीड़िता की दो बार सगाई होकर शादी का दिन भी तय हो गया था, लेकिन अभी उसने पीड़िता के मंगेतर को वीडियो दिखाकर सगाई तुड़वा दी. घटना को लेकर पीड़िता की ओर से 28 अप्रैल 2016 को मालवीय नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.