जयपुर. नवंबर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है. विधायक और सांसद का टिकट पाने से महरूम रहे नेताओं ने अब मेयर और सभापति के टिकट पाने के लिए अभी से भागदौड़ शुरू कर दिया. इसके लिए पार्टी नेताओं से मुलाकात कर टिकट के लिए लॉबिंग भी की जा रही है.
लोकसभा के चुनाव में हार के बाद पीसीसी मुख्यालय में इन दिनों निकाय चुनाव को लेकर ही चर्चा होती है. वैसे भी इस बार महापौर सभापति का चुनाव सीधे जनता की ओर से किया जाना है. ऐसे में वह नेता जो विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं पाए वह इसके लिए प्रयास कर रहे हैं.
कुछ नेताओं ने बैनर पोस्टर भी छपा कर यह संकेत दिए हैं कि वह निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. साथ ही अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संपर्क बनाए हुए. राजधानी जयपुर सहित अजमेर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर और भरतपुर में नगर निगम है सातों नगर निगम सहित 44 निकायों में भी चुनाव होने हैं.
इसके बाद जुलाई 2020 में 137 स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे हालांकि 2009 में पहली बार महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जा चुका है. बाद में भाजपा सरकार ने महापौर के सीधे चुनाव पर रोक लगा दी थी लेकिन अब फिर निकाय प्रमुखों को सीधे चुनाव हो रहे हैं.
नेता लगे मेयर -सभापति के पद की दौड़ में महापौर के पद की कतार में
जयपुर में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में दावेदारी जता चुके आधा दर्जन से ज्यादा नेता अब महापौर के टिकट पाने के लिए दावेदारी जता रहे हैं. इन नेताओं को आस है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने से जनता कांग्रेस प्रत्याशियों पर ही विश्वास जताया जा रहा है. वहीं नेताओं को अब केवल महापौर चुनाव के आरक्षण की लॉटरी खुलने का इंतजार है, कि लॉटरी में महापौर पद किसके लिए आरक्षित होता है. लॉटरी खुलते ही नेताओं के बीच भागदौड़ और तेज हो जाएगी. वहीं दूसरी ओर नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी में बूथ मैनेजमेंट को लेकर फिर से कवायद हो रही है. साथ हा आगामी दिनों में बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उन्हें बूथ मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी.