बूंदी. साल 2019 में बूंदी के सभी मामलों में तीन मामले देश-प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चित रहे.अभिनेत्री और पुलिस भी इससे अछूते नहीं रहे.
साल 2019 के बूंदी के तीन हाई प्रोफाइल मामले पहला मामला: मंत्री अशोक चांदना पर केस
कांग्रेस सरकार के खेल राज्यमंत्री और हिंडोली विधानसभा के विधायक अशोक चांदना पर भी 2019 में राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज हुआ. दरअसल, मंत्री अशोक चांदना ने 21 फरवरी 2019 को बिजली विभाग के एक इंजीनियर जेपी मीणा को अपनी विधानसभा में बुलाया और उनके साथ दादागिरी कर मारपीट करना शुरू कर दिया. उसके बाद इंजीनियर ने मंत्री की पूरी ऑडियो बना दी और वायरल कर दी. ऐसे में मंत्री भी बीच बचाव में आए और कहा कि ऑडियो फर्जी है. उसते बाद नैनवा थाना में मामला दर्ज हुआ.
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दूसरा मामला: अभिनेत्री पायल रोहतगी भी फंसी
दूसरा मामला अभिनेत्री पायल रोहतगी का है, जो एक वीडियो की वजह से जेल में गई. फिल्म अभिनेत्री पायल रोहतगी ने मोतीलाल नेहरु और उनके परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर फेसबुक और ट्विटर पर एक वीडियो डाली थी इस पर बूंदी के युवा नेता चर्मेश शर्मा ने सदर थाना में आईटी एक्ट में मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद 10 अक्टूबर को बूंदी के सदर थाना में मामला दर्ज हुआ.
इस पर 14 दिसंबर को बूंदी पुलिस ने अभिनेत्री को उनके अहमदाबाद आवास से हिरासत में ले लिया और 15 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया. जहां पायल को 24 दिसंबर यानी 8 दिन की जेल में भेज दिया गया. अगले दिन 16 दिसंबर को फिर उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने उन्हें 25 - 25 हजार की दो इंस्ट्रूमेंट 50 हजार का मुचलका पर जमानत दे दी गई. जेल से छूटने के बाद पायल रोहतगी ने भी अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि राजस्थान में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है.
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तीसरा मामला: पुलिस कांस्टेबल का कत्ल
तीसरा मामला पुलिस कांस्टेबल का है. अपनी साली से प्रेम प्रसंग के चक्कर में बूंदी पुलिस में तैनात अभिषेक शर्मा नामक कांस्टेबल उसके चंगुल में आ गया और बूंदी से सवाई माधोपुर जिले उससे मिलना चला गया. जहां साली ने उसके दोस्त के साथ मिलकर कांस्टेबल की बहरेमी से हत्या कर, सवाई माधोपुर के बोली किले में उसे दफना दिया. मामले का खुलासा चार महीने बाद हुआ.
जानकारी के अनुसार 28 अगस्त को अभिषेक शर्मा अपने घर से बूंदी पुलिस में कार्य करने के लिए निकला था, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा तो परिवार ने कोतवाली थाने में अभिषेक शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिस पर परिवारजनों ने शक जताया था कि उसके रिश्ते में रखने वाली साली श्यामा शर्मा द्वारा उसकी हत्या कर दी गई है.
2019 में अपराधों की दृष्टि से देखा जाए तो मामले बहुत हुए लेकिन यह तीन मामले बहुत ही चर्चित रहे, ना मंत्री बचे, ना अभिनेत्री और ना पुलिस. अब 2020 शुरू होने वाला है ऐसे में सभी की यही कामना है कि बूंदी में शांति रहे.