बूंदी.कहते हैं कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. और जब खिलाड़ी मैदान में उतरता है और उसे जीतने का जज्बा होता है तो वह मैदान फतेह करके ही आता है. हम ऐसे खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं, जिनके अथक प्रयास से बूंदी में प्रदेश का पहला सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनने जा रहा है. यह सब संभव हो रहा है, बूंदी शहर के नेशनल खिलाड़ी की वजह से. जिन्होंने अपने निजी खर्च से सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनाने का बीड़ा उठाया और एक लंबी चौड़ी नेशनल खिलाड़ियों की लिस्ट तैयार कर उनके साथ जुटे हुए हैं.
जिला स्टेडियम खेल संकुल में आपको एक युवक कुछ बच्चों के साथ रोजाना सुबह शाम तेज गर्मी में पसीने से लथपथ गैंती और फावड़े से खुदाई करते हुए नजर आ जाएंगे. इस युवक का नाम विनोद चोपदार है, जो सॉफ्टबॉल के नेशनल खिलाड़ी हैं और वे गोल्ड, सिल्वर व ब्रांच मेडल विजेता भी हैं. विनोद ने बूंदी में एक नेशनल स्तर का सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनाने का बीड़ा उठाया है. शहर के देवपुरा के रहने वाले विनोद चोपदार पूरे लॉकडाउन पीरियड से इस काम में शिद्दत से जुटे हुए हैं. वे कुछ वक्त पहले ही स्पोर्ट काउंसिल में बूंदी में संविदा पर लगाए गए हैं. सॉफ्टबॉल ग्राउंड बनाने के लिए उन्हें कहीं से पैसा नहीं मिला और न ही उन्हें कोई लालच है. मकसद बस इतना सा है कि वे खेल की दुनिया में बूंदी का नाम चमकाना चाहते हैं.
यह भी पढ़ेंःSpecial: कोरोना को लेकर बूंदी जिला प्रशासन सतर्क, लेकिन अव्यवस्थाएं ऐसी कि पूछो मत...
बता दें कि विनोद अब तक वह 400 से अधिक बच्चों को सॉफ्टबॉल की ट्रेनिंग दे चुके हैं. पिछले पांच साल में वह 40 बच्चों को सॉफ्टबॉल में नेशनल और 400 के करीब बच्चों को स्टेट गेम में खेलने का मौका दिलवा चुके हैं. उनमें से सात आठ बच्चे मेडलिस्ट भी हैं. वे खुद 20 साल से सॉफ्टबॉल खेल रहे हैं. सॉफ्टबॉल ग्राउंड तैयार करने में खिलाड़ी उनका हाथ बटाते हैं और उनसे ट्रेनिंग ले रहे हैं. कुछ बच्चे जिनमें गोविंद चौधरी, निजा खर्त्री, रोहित पवार ,गिरिराज, गुरुमुख सिंह, अरिजीत सिंह, हरिओम, उदय सिंह आदि शामिल हैं.
देश में कहीं पर भी नहीं है सॉफ्टबॉल का ग्राउंड: विनोद
बूंदी के खेल संकुल में जो ग्राउंड बन रहा है, वह ग्राउंड राजस्थान का पहला ऐसा ग्राउंड होगा. जहां सॉफ्टबॉल करने के लिए खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस कर सकेंगे. केवल यहां दर्शकों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी. लेकिन खेलने के लिए यह पूरा ग्राउंड माकूल होगा. विनोद चोपदार बताते हैं कि देश में कहीं पर भी सॉफ्टबॉल ग्राउंड नहीं है. उन्होंने बताया कि जब भी बड़ी प्रतियोगिताएं होती हैं तो अस्थाई ग्राउंड बना लिया जाता है. लेकिन सॉफ्टबॉल के लिए कोई ग्राउंड नहीं होने से प्रैक्टिस के दौरान खिलाड़ी गिरकर चोटिल हो जाते थे. इस वजह से उन्हें ग्राउंड बनाने का इरादा किया.