बूंदी.देश में कोरोना वायरस के आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रदेश में 20 से अधिक जिले कोरोना वायरस की चपेट में हैं. ऐसे में गहलोत सरकार दिन-प्रतिदिन कोरोना वायरस से बचाव के संदेश भी दे रही है. लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पालन को लेकर लगातार आमजन से सरकारी अपील भी की जा रही है.
कोरोना की इस जंग में ग्रामीणों में भी जागरुकता... ग्रामीण इलाकों में वायरस से बचने के लिए ग्रामीण अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. साथ ही मास्क और सेनेटाइजर का भी उपयोग करते हुए नजर आ रहे हैं. इन ग्रामीण इलाकों में सुबह-शाम पुलिस के जवान गश्त पर आते हैं और ग्रामीणों को लॉकडाउन पालन के लिए अपील करते हैं. इन ग्रामीणों द्वारा चलाई गई मुहिम का हिस्सा बूंदी का नारायणपुर गांव भी है. यहां पर ग्रामीण कोरोना योद्धा बनकर सामने आए हैं. हाथों में डंडा और मुंह पर मास्क लगाकर अपने गांव की रक्षा कर रहे हैं.
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आने जाने वाले लोगों को ये लोग रोकते हैं और उनसे पूछताछ करते हैं. यदि वह बाहरी गांव का होता है या अन्य किसी जिले का होता है तो उसे गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता. मामला अगर संदिग्ध नजर आता है तो तुरंत ये ग्रामीण पुलिस को और स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने से भी पीछे नहीं हटते. आने-जाने वाले वाहनों को रोकते हैं और उन्हें लॉकडाउन पालन, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की तथा सेनेटाइजर का उपयोग करने की सलाह देते हैं. इन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग ने भी सर्वे किया और रोज पुलिस गश्त भी करती है. फिर भी ग्रामीण खुद सरकार की अपील के साथ ही योद्धा के रूप में उभरकर आए हैं और घर-घर जाकर लोगों को लॉकडाउन पालन कराने और कोरोना वायरस के बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं.
जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची नारायणपुर गांव...
ईटीवी भारत की टीम जब नारायणपुर गांव में पहुंची तो यहां पर ग्रामीण दूर-दूर तक नजर नहीं आए. ग्रामीण लाठी के सहारे गांव का पहरा बनकर खड़े दिखे. उनसे बात करने पर पता चला कि इस कोरोना वायरस की जंग में किस तरीके से उनका गांव लड़ रहा है. बूंदी जिले से 20 किलोमीटर दूर नारायणपुर गांव में ये ग्रामीण रोज सुबह-शाम इसी तरह डंडे के सहारे गांव की सड़कों पर कोरोना वायरस के लिए पहरा देते हैं. पुलिस द्वारा इन ग्रामीणों को पुलिस मित्र भी बनाया गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि हम हमारी गांव की सुरक्षा कर रहे हैं और हम किसी भी कंडीशन में गांव में कोरोना वायरस की एंट्री नहीं होने देंगे. सुरक्षा प्रहरी बनकर हम गांव में इसी तरह कोरोना के लिए पहरा देंगे. हम रोज इसी तरह आने जाने वाले लोगों को रोकते हैं. उन्हें लॉकडाउन की पालना करने के लिए बोलते हैं और मास्क व सेनेटाइजर के लिए भी उन्हें सलाह देते हैं.
जिले में कई जगहों पर ग्रामीणों ने रोड को किया क्षतिग्रस्त...
बूंदी के अधिकतर गांव में ग्रामीणों ने कोरोना वायरस किसी भी तरह से एंट्री न हो. इसको लेकर एक अनोखी पहल भी की है. यहां पर ग्रामीणों ने अपने गांव के रास्तों को पूरी तरह से गड्ढा खोदकर बंद कर दिया है और उन रास्तों को बंद कर गांव में एंट्री बंद कर दी है. इसके पीछे ग्रामीणों का मानना है कि कोरोना वायरस को हम सड़क के माध्यम से भी नहीं जाने देंगे. क्योंकि अधिकतर जगहों पर चोरी चुपे लोग प्रवेश कर जाते हैं और वहां पर पूरे इलाके को संक्रमित कर देते हैं. लेकिन अगर हम सड़क मार्ग को ही बंद कर देंगे तो कोरोना वायरस की एंट्री नहीं हो पाएगी और आसानी से गांव में वह इंटर नहीं हो पाएंगे. इसी के चलते जिले के अधिकतर गांव में यही हालात हो चले हैं और ग्रामीणों ने इसी तरह सड़क पर गड्ढे करने के बाद आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है.
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यकीनन बूंदी में नारायणपुर गांव के लोग कोरोना को लेकर सतर्क हैं और सरकार द्वारा एडवाइजरी पालन कर रहे हैं. सरकारी मशीनरी इन ग्रामीणों के पास पहुंच रही है फिर भी ग्रामीण अपने तरीकों से ग्रामीणों के बीच जा-जाकर कोरोना वायरस को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं. ग्रामीण खुद कोरोना योद्धा बनकर उभर कर सामने आए हैं. जरूरत है कि इन लोगों से शहर की जनता भी सीखें और खुद कोरोना योद्धा बनकर अपने देश की अपने इलाके की और अपने समाज की रक्षा करे. ताकि पूरा देश इस कोरोना वायरस जैसी बीमारी से ग्रसित नहीं हो और भारत देश इस कोरोना वायरस से जीत जाए. ग्रामीणों द्वारा चलाए गए इस प्रयास को ईटीवी भारत की टीम सलाम करती है.