केशवरायपाटन (बूंदी). कोरोना की मार का असर किसानों पर भी पड़ रहा है. हाड़ौती के बूंदी में इस बार लहसुन की बम्पर पैदावार हुई है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मंडियों में लहसुन की बिक्री बंद है. गर्मी बढ़ने के कारण लहसुन खराब होने लग गया है. परेशान किसानों ने घर-आंगन में लहसुन भर दिया है और कूलर-पंखे लगाकर गर्मी से बचाने में जुटे हुए हैं.
लॉकडाउन के चलते मंडियों में लहसुन की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. केशवरायपाटन उपखंड क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज सुविधा नहीं होने से किसानों को पैदावार घरों में टीन शेड लगाकर जमा करना पड़ रहा है. किसानों के पास लहसुन स्टोरेज करने के पूरे संसाधन भी नहीं हैं. तपन बढ़ने से घरों में रखा लहसुन सड़ने लगा है. लहसुन की कलियां मरने लगी हैं. इन्हें बचाने लिए किसान पंखे-कूलर-ठंडी टाटियां लगा रहे हैं. क्षेत्र के रोटेदा, जलोदा, अरनेठा, समदपुरिया, बीरज, नोताड़ा, माधोराजपुरा, भीया, बलकासा में किसानों ने सैकड़ों बीघा भूमि में लहसुन की फसल तैयार कर भंडारण कर दिया.
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साथ ही किसानों को तापमान बढ़ने से फसल खराब होने की चिंता भी है. रोटेदा के किसान श्याम मालव, चंद्रप्रकाश मालव ने बताया कि लहुसन की फसल की कोटा-नीमच में ही खरीद होती है, जाे अभी बंद है. किसान मुरली कुशवाह, विष्णु मालव ने कहा कि बड़ी आस से लहसुन की फसल बोई थी. अब फसल बेच नहीं पा रहे और खुले में रख नहीं सकते. पैदावार खराब होने से आर्थिक समस्या हो गई है. एक बीघा फसल को तैयार करने में 25 से 30 हजार खर्च हो गए. सरकार शीघ्र ही समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीदना शुरू करे तो राहत मिलेगी.
लहसुन को बचाने के लिए कटाई कर कट्टों में भर रहे किसान