भीलवाड़ा. प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी शनिवार को अजमेर से उदयपुर जा रहे थे. इस दौरान वह कुछ समय के लिए भीलवाड़ा रुके. यहां भीलवाड़ा सर्किट हाउस में भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत किया गया.
इसके बाद देवनानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट संविधान की मर्यादाओं और नियमों की पालना करते हुए बनाया गया है.
वहीं, राहुल गांधी के जयपुर दौरे को लेकर देवनानी ने कहा कि प्रदेश के युवा की राहुल गांधी के प्रति अविश्वसनीयता है. साथ ही प्रदेश में गहलोत और पायलट दोनों सत्ता के दो ध्रुव बने हैं. दोनों सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने नंबर बढ़ाना चाहते हैं.
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स्वागत के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि देश में नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के अनुकूल है. सारी संवैधानिक मर्यादाओं और नियमों का पालन करते हुए बनाया गया है. कोई भी मुख्यमंत्री यदि इनको ना मानने की बात करता है तो खुद वह संविधान की धज्जियां उड़ा रहा है.
भारत में संघीय ढांचे को कांग्रेस के मुख्यमंत्री और बंगाल की मुख्यमंत्री जिस प्रकार का रोल अदा कर रही हैं वह भारत के लिए संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला है. इस विरोध से पाकिस्तान और देशद्रोही ताकतों को बल मिलता है. कांग्रेस ने जिस प्रकार अपने नेता को जयपुर बुलाया उसको युवाओं ने नकार दिया. उस रैली में 10 से 15 हजार युवा एकत्रित हुए थे. इससे निश्चित रूप से युवाओं मे अविश्ववनीयता है.
वासुदेव देवनानी पहुंचे भीलवाड़ा इससे स्पष्ट है कि ये एक्ट जो विस्थापित आए हैं उसको नागरिकता देने का है लेने का नहीं है. जिस तरह मोदी जी का विश्व में वर्चस्व बढ़ा है जिससे कांग्रेस चिंतित है. राम मंदिर, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 के फैसले के बाद देश में राष्ट्रवाद का माहौल बना है.
वहीं, विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्ट का प्रस्ताव पारित किया है उस पर विरोध नहीं किया गया. इस सवाल पर देवनानी ने कहा कि विधानसभा में विरोध किया, लेकिन गहलोत और पायलट दोनों सत्ता के दो ध्रुव बने हैं. दोनों राहुल गांधी और सोनिया गांधी के सामने नंबर बढाना चाहते हैं. जिस लिए विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रस्ताव लाए. कई कांग्रेसी नेता अनौपचारिक तौर पर कहते हैं कि यह कानून ठीक है लेकिन पार्टी के सामने कुछ नहीं बोलते हैं.
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वहीं, विधानसभा में वोटिंग की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर दिया. अब देखना यह होगा कि देश में नागरिक संशोधन एक्ट को लेकर जो विरोध कर रहे हैं उनका भ्रम कब दूर होता है.