भीलवाड़ा. बाल विवाह जैसी कुरीतियां आज भी हामारे समाज में काले धब्बे की तरह व्याप्त हैं. ऐसा ही एक मामला भीलवाड़ा से सामने आया है, जहां एक लड़की ने 11 साल पहले बचपन में ही बाल विवाह की भेंट चढ़ी बालिका ने बाल विवाह को नकारते हुए पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त करने की गुजारिश की है. पीड़िता ने कहा कि 11 साल पहले 7 वर्ष की उम्र में मेरा बाल विवाह हुआ था. अब मैं बालिग हो गई हूं और मुझे बद्दुआ मंजूर नहीं है. इसके कारण मैंने सोशल मीडिया से जोधपुर की कृति भारती के नंबर निकाले और उन्हें अपनी समस्या कही.
इस पर उन्होंने भीलवाड़ा आकर मेरे विवाह को सुनने करण के लिए कोर्ट में वाद दर्ज करवाया है. अब मुझे जल्दी ही बाजवा से मुक्ति मिलने की उम्मीद है. मैं आगे भविष्य में पढ़-लिखकर शिक्षिका बनना चाहती हूं. पुनर्वास मनोवैज्ञानिक मैनेजिंग व ट्रस्टी सारथी ट्रस्ट जोधपुर की कृति भारती ने कहा कि पीड़िता का 11 वर्ष पहले 7 साल की उम्र में बाल विवाह हुआ था. अब यह बालिग हो गई है और यह विवाह को मानने से इनकार करती है. इसके लिए हम इस बालिका के पास आए हैं और हमने पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त और शून्यकरण करवाने के लिए वाद दर्ज करवाया है.