भीलवाड़ा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि पर्यावरण के विभिन्न घटक जल, जंगल, जमीन और जलवायु के संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी है. इनकी महत्वता कोरोना आपदा (Corona Pandemic) के समय करीब से हमने महसूस किया है. पर्यावरण को बचाने का जिम्मा समाज को अपने हाथों में लेगा होगा, तभी हम सफल होंगे. जल, जंगल, जमीन और जलवायु को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है.
सुनिये शेखावत ने क्या कहा... वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सारे विषयों के संरक्षण के लिए जनजागृति अभियान चला रखा है, जहां देशभर में सघन तौर पर पौधारोपण किया जाएगा. नदी से नदी जोड़ने के सवाल पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में डेफिसिक बेसिन यानी जहां पानी की कमी है और जहां हर साल बाढ़ आती है, वहां से पानी को ट्रांसफर किया जा सके, उस सपने को स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने देखा था.
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वाजपेयी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के सपने को पूरा किया और अब नदी से नदी जोड़ने (Linking of Rivers) का जो उनका सपना था वह मोदी सरकार में पूरा होगा. जो सपना स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था उस ओर यूपीए की सरकार आने से काम नहीं हुआ, लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी की एनडीए की मोदी सरकार बनी तब से देशभर में नदी से नदी जोड़ने के 31 लिंक आईडेंटिफाई किए गए हैं, जहां सरप्लस बेसिन से डेफिसिक बेसिन में पानी ट्रांसफर किया जा सके.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत... जल राज्यों का विषय...
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसकी डीपीआर बनाई गई, जिससे पानी ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन नदी से नदी जोड़ने और पानी का विषय राज्यों का है. भारतीय संविधान के अंतर्गत जल राज्यों का विषय है. राज्यों का विषय होने के कारण राज्य को ही आपस में सहमति बनाने की आवश्यकता है. नदी से नदी जोड़ने की एक लिंक पिछले 15 साल से बंद थी, उसके लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच आपसी समझौता हुआ और अब केन और बेतवा नदी को आपस में जोड़ा जाएागा, जिससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य में जहां पानी की कमी है वह पूरी होगी. मुझे विश्वास है कि नदी से नदी जोड़ने का कार्य शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा.