भीलवाड़ा.जिले में शुक्रवार को नगर परिषद सभागार में वर्तमान नगर परिषद बोर्ड की आखिरी बैठक आयोजित हुई. इस दौरान पक्ष-विपक्ष के पार्षदों के विरोध और हंगामे के बीच सभी 21 बिंदुओं का एजेंडा पास कर दिया गया. नगर परिषद बोर्ड के गठन के बाद पहली बार बैठक करीब 2 घंटे तक चली.
वहीं, महाराणा प्रताप सभागार के गेट के साथ ही मीटिंग हॉल में थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था पार्षदों, परिषदकर्मियों और मीडियाकर्मियों ले लिए की गई. साथ ही सभी मास्क लगाकर भी आए, लेकिन मीटिंग के दौरान पार्षदों ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की. सभी की कुर्सियां भी पास-पास ही लगी थी और कई ने तो मास्क भी नहीं लगा रखा था. इसके अलावा परिषद की अंतिम बैठक के खत्म होने के बाद हुए फोटो सेशन में भी पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की खुलकर धज्जियां उड़ाई. कई पार्षद बिना मास्क के भी नजर आए.
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वहीं, 21 बिंदुओं के एजेंडे को पास करने के दौरान भारी हंगामे के साथ बैठक को समाप्त किया गया. बैठक में आरओबी के मामले और सीवरेज को लेकर विशेष चर्चा की गई. वहीं, इन मामलों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं. वहीं, पार्षदों ने नगर परिषद बोर्ड की पिछली बैठक में हुए निर्णयों की पालना नहीं होने पर नाराजगी जताई. पार्षदों का कहना है कि बोर्ड बैठक का महत्व भी है या नहीं.
गौरतलब है कि बोर्ड की पिछली बैठक में नगर परिषद में महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाने, चल शौचालय नि:शुल्क देने, संविदा पर कर्मचारियों की सेवाएं लेने और नकारा कियोस्क की जगह सामुदायिक शौचालय निर्माण आदि के लिए निर्णय लिए गए थे. लेकिन, अब तक कोई भी कार्य जमीनी स्तर पर शुरू नहीं हुआ है.
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वहीं, पार्षदों का यह भी आरोप है कि शुक्रवार को जो एजेंडा बनाया गया है, वह भ्रष्टाचार युक्त है. इसमें स्ट्रिप भूमि उन्हीं को विक्रय करना है, जिनका कब्जा है, जो कि गलत है. इसके साथ ही पार्षदों ने पहले दिए गए भूखंड का भुगतान नहीं होने के बावजूद उसकी थर्ड पार्टी रजिस्ट्री करवाने पर आपत्ति दर्ज करवाई.