भरतपुर. जिले में शनिवार को आयोजित बूथ अध्यक्ष संकल्प महासम्मेलन में अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा नेताओं समेत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी शिरकत की. कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. वसुंधरा राजे ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जब हम हर वोटर को बताएं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार देश को उन्नति की राह पर लेकर जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र के मुकाबले दूसरी तरफ राजस्थान सरकार है जो लोगों को खून के आंसू पिला रही है. वसुंधरा राजे ने कहा कि इस सरकार को हमेशा के लिए विदा करना है.
ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट को लेकर भी वसुंधरा राजे ने सभा के दौरान अशोक गहलोत सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने प्रदेश के 13 जिलों में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था, लेकिन मौजूदा गहलोत सरकार की इच्छाशक्ति के कारण पूर्वी राजस्थान के इन 13 जिलों की जीवन रेखा का काम अटक गया है.
पढ़ें.Amit Shah Bharatpur Visit: अमित शाह बोले- तुष्टिकरण में गहलोत सरकार टॉप पर, सचिन पायलट का नंबर कभी नहीं आएगा
कांग्रेस की अन्तर्कलह पर भी निशाना
भरतपुर में आयोजित बूथ अध्यक्ष संकल्प सम्मेलन के दौरान वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में साल 2008 और 2018 में मुख्यमंत्री गहलोत ने जोड़-तोड़ के साथ सरकार चलाई थी और आज भी उनकी सरकार अल्पमत में ही है. उन्होंने कहा कि यह बात जगजाहिर है कि कांग्रेस के विधायक और मंत्री ही पार्टी की सरकार के खिलाफ हैं. राजे ने कहा कि प्रदेश सरकार में अंतर्कलह चरम पर है. एक नेता कुर्सी नहीं छोड़ने की जिद पर हैं और दूसरे उसी को पाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. दोनों नेताओं की जिद में राजस्थान पिसता जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृष्ण की तरह मिलकर पवित्र भूमि पर संकल्प लेकर कंस जैसी सरकार को उखाड़ फेंक कर दम लेंगे.
पढ़ें.Rajnath Singh Unveil Rana Pratap Statue: इनफोसिस और अलकायदा दोनों में शिक्षित युवा पर मकसद अलग, इसलिए सही दिशा जरूरी
गहलोत सरकार ने ऊंचाइयों को नापा लेकिन अपराध के मामले में
वसुंधरा राजे के आरोपों की लिस्ट यहां भी नहीं थमी. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने ऊंचाइयों को तो नापा है, लेकिन विकास के मामलों में नहीं. महिला उत्पीड़न, दलित अत्याचार, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सांप्रदायिक उन्माद में गहलोत सरकार ने ऊंचाई पाई है. वसुंधरा राजे ने कहा कि करौली दंगों का खौफ आज भी है. उदयपुर में कन्हैया लाल का गला काट कर हत्या कर दी गई थी. लोपड़ा गांव में एक आठ साल की आदिवासी बच्ची के साथ कुकर्म कर उसके भी 10 टुकड़े कर दिए गए, लेकिन सरकार हर मामले में विफल रही.
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने जयपुर बम धमाकों के मामले में आरोपियों के बरी होने को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर ठीक से पैरवी नहीं की जिस कारण 80 लोगों की जान लेने वाले सभी आतंकी हाईकोर्ट से बरी हो गए. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि पीड़ित तो सुप्रीम कोर्ट चले गए, लेकिन सरकार नहीं जा सकी. गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता में इस रुख पर आक्रोश है.