भरतपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस, बीजेपी, बसपा और अन्य पार्टियों ने प्रत्याशियों के नाम की कई सूचियां जारी कर दी हैं. सूचियां जारी होने के बाद कई नेताओं ने बगावत शुरू कर दी है, तो कई ने टिकट न मिलने पर अन्य पार्टियों का दामन पकड़ लिया है. जिले की नदबई, नगर और शहर विधानसभा सीट पर भी 'हाथी' और 'हाथ' की अलग रणनीति नजर आई है. शहर विधानसभा से एक प्रत्याशियों ने हाथ का साथ छोड़कर हाथी की सवारी कर ली है, तो वहीं नदबई और नगर में बसपा से विधायक बने दो प्रत्याशियों पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है. अब देखना यह है कि ये रणनीति कितनी कारगर होती है.
नदबई-हाथी से जीते, हाथ थामा: वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में नदबई विधानसभा से बसपा प्रत्याशी जोगिंदर सिंह अवाना 50976 मत प्राप्त कर विजयी हुए थे. उसके बाद बसपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली. अब कांग्रेस ने अवाना पर विश्वास जताते हुए नदबई से टिकट दिया है. अब देखना यह है कि जिन मतदाताओं ने गत चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में जीत दिलाई थी, क्या वो इस बार भी अवाना को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पसंद करेंगे.
शहर-हाथ छोड़कर हाथी की सवारी: शहर विधानसभा सीट पर इस बार बसपा ने कांग्रेस से उपमहापौर बने गिरीश चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. चौधरी ने हाथ का साथ छोड़कर हाथी की सवारी की है. पहले भी गिरीश चौधरी नदबई से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उस समय इन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था.
नगर-बसपा छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी बने: वर्ष 2018 के चुनाव में नगर से वाजिब अली बसपा प्रत्याशी के रूप में जीते. वाजिब 62644 मत प्राप्त कर विजयी रहे. बसपा के टिकट पर जीतकर वाजिब ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. अब कांग्रेस ने वाजिब को नगर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है.