विधवा पुनर्विवाह पर पंचायत का कबायली फरमान भरतपुर. जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र के गांव नगला बिलौठी में एक माता पिता को अपनी विधवा बेटी का पुनर्विवाह करना भारी पड़ गया. पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए पूरे परिवार का ना केवल हुक्का पानी बंद कर दिया, बल्कि 51 हजार का अर्थदंड भी लगाया है (Panchayat Farman on Widow Remarriage). इतना ही नहीं, परिवार की फसल सहित पूरे खेत को भी जप्त कर लिया है.
घटना की सूचना पर बुधवार को चिकसाना थाना पुलिस गांव पहुंची. पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित परिवार नल से पानी भरकर लाया. आस-पड़ोस के लोग भी पीड़ित के घर पहुंचे. हालांकि, जब पुलिस ने पीड़ित परिवार से लिखित शिकायत देने के लिए कहा तो पीड़ित परिवार ने शिकायत नहीं दी और बुधवार शाम तक का समय मांग लिया है.
देवर से इनकार पर बिगड़ी बात : जानकारी के अनुसार विजयपाल गुर्जर और उसकी विधवा बेटी पर उसके देवर से विवाह कराने का दबाव बनाया जा रहा था. लेकिन देवर को शराब की लत थी, जिसकी वजह से विधवा बेटी उससे शादी नहीं करना चाहती थी. विजय पाल गुर्जर ने कुछ माह पूर्व अपनी विधवा बेटी का अन्य स्थान पर पुनर्विवाह कर दिया. इस पूरे मामले को लेकर गांव में रविवार को पंचायत बैठी. पंचायत ने विजयपाल को दोषी ठहराते हुए 10 लाख रुपए में बेटी बेचने का आरोप लगाया और हुक्का पानी बंद कर गांव छोड़ने के लिए कहा गया है.
संबंध रखने वाले पर भी जुर्माना : पंचायत ने यह भी फरमान सुनाया है कि यदि गांव का कोई भी व्यक्ति इस परिवार से किसी प्रकार का संबंध या व्यवहार रखेगा, तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाएगा. पंचायत ने पीड़ित परिवार पर 51 हजार का दंड भी लगाया. पीड़ित अगर ने असमर्थता जताई तो उसकी 14 बीघा खेत को फसल समेत जब्त कर लिया गया. विजयपाल गुर्जर के परिवार में दो छोटे बच्चे समेत कुल 8 लोग हैं. विजयपाल का कहना है कि उन्होंने रविवार शाम को 100 नंबर पर घटना की शिकायत की, लेकिन मंगलवार देर रात तक पुलिस की ओर से कोई सहायता नहीं भेजी गई और न पुलिस आई.
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...भरा पानी, किसी ने नहीं रोका : पूरे मामले की पड़ताल करने के लिए चिकसाना थाना प्रभारी विनोद कुमार मीणा जाब्ते के साथ गांव पहुंचे. एसएचओ विनोद ने पीड़ित परिवार से बात की. पीड़ित परिवान ने कोई भी लिखित शिकायत देने से मना कर दिया, साथ ही बुधवार शाम तक गांव व समाज का रुख देखने के लिए और इंतजार करने के लिए कहा है. वहीं, पीड़ित परिवार की महिला गांव के सार्वजनिक नल से पानी भरने भी पहुंची, जहां उसे किसी ने नहीं रोका. पुलिस ने अन्य महिलाओं से भी बात की, जिस पर महिलाओं का कहना था कि हमने किसी ने पीड़ित परिवार को पानी भरने से मना नहीं किया.
थाना प्रभारी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि पीड़ित परिवार की ओर से कहने के बावजूद बुधवार दोपहर तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है. पीड़ित परिवार ने बुधवार शाम तक का वक्त मांगा है. विनोद कुमार मीणा ने बताया कि जिस समय पुलिस गांव पहुंची उस समय पीड़ित परिवार के पास आस पड़ोस के लोग बैठे हुए पाए गए. नल पर पानी भरने गई पीड़ित परिवार की महिला को भी किसी ने नहीं रोका. अब पीड़ित परिवार की ओर से लिखित शिकायत देने पर आगे कोई कदम उठाया जाएगा.