भरतपुर. राजस्थान में भरतपुर और धौलपुर के जाट बीते 25 साल से केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. वर्ष 2013 में दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दिया भी गया, लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने आरक्षण खत्म कर दिया. अब एक बार फिर भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने केंद्र में ओबीसी भी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की हुंकार भर दी है. बुधवार से जयचोली गांव में जाटों का महापड़ाव शुरू हो चुका है. आंदोलन स्थल पर पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है.
भरतपुर-धौलपुर के जाटों की मांग : असल में भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था, लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र व राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था. उस समय तर्क था कि भरतपुर और धौलपुर के जाट पूर्व राजपरिवार से जुड़े हुए हैं. बाद में 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों की जाटों को ओबीसी में आरक्षण दे दिया गया.