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Dussehra 2022: आज दिख जाए ये पक्षी तो समझो किस्मत चमकने वाली है

अश्विम मास में प्रत्येक वर्ष शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार (Dussehra 2022) मनाया जाता है. इस बार अधर्म पर धर्म की जीत का ये दिन 5 अक्टूबर 2022 को पड़ रहा है. दशहरा का दिन भी कई मायनों में बेहद शुभ माना गया है. इस दिन को लेकर कई ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके संयोग का पड़ना बहुत अच्छा कहा जाता है.

neelkanth bird auspicious
neelkanth bird auspicious

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Published : Oct 4, 2022, 2:23 PM IST

Updated : Oct 5, 2022, 6:34 AM IST

भरतपुर. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व (Dussehra 2022) मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. दशहरा के दिन अस्त्र शस्त्र पूजा का भी विधान है, लेकिन इस पावन दिन शास्त्रों में कई पक्षी, पेड़ पौधों के दिखने और पूजन का भी बड़ा महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कि दशहरा के दिन कौन से पक्षी के दर्शन होने पर किस्मत चमकती है और किस पेड़ की पूजा से सभी फल प्राप्त होते हैं.

नीलकंठ के दर्शन से चमकेगी किस्मत- पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि दशहरा के दिन खंजन यानी नीलकंठ पक्षी के दर्शन (neelkanth bird significance) को बहुत ही शुभ बताया गया है. मान्यता है कि नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का रूप है. यदि दशहरा के दिन उत्तर दिशा में नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ ही किस्मत चमकने के संकेत भी माने जाते हैं.

दिख जाए ये पक्षी तो समझो किस्मत चमकने वाली है

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गिलहरी दिखना शुभ- पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि दशहरा के दिन गिलहरी दिखना भी शुभ माना जाता है. राम-रावण युद्ध से पूर्व गिलहरी ने रामसेतु निर्माण में योगदान दिया था. जिसके चलते गिलहरी पर भगवान श्रीराम की विशेष कृपा हुई. इसलिए दशहरा के दिन गिलहरी के दर्शन का भी विशेष महत्व बताया गया है. साथ ही मछलियों को चुग्गा डालकर दर्शन करना शुभ होता है. मछली चंचला होती है और जीवन में ऊर्जा का संचार का संकेत देती है.

नवदुर्गा पूजन के जौ का उगना- नवरात्र में 9 दिन तक देवी की पूजा के समय कलश के चारों तरफ जौ बोए जाते हैं. दशहरा तक ये जौ अंकुरित हो जाते हैं. जौ यदि अच्छी तरह अंकुरित होते हैं तो मान्यता है कि आगामी समय समृद्धिदाई होता है. दशहरा के दिन इन अंकुरित जौ को कान के ऊपर लगाने की भी परंपरा है.

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पान के पत्ते में महालक्ष्मी का वास- मान्यता है कि पान के पत्ते में महालक्ष्मी समेत सभी देवताओं का वास होता है. पान के पत्ते के अग्र और पश्च भाग में लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए पूजा के समय इस भाग को तोड़कर अलग कर दिया जाता है. साथ ही पान के सेवन से दंत विकार आदि भी दूर होते हैं.

Last Updated : Oct 5, 2022, 6:34 AM IST

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