बालोतरा (बाड़मेर). COVID 19 के चलते जहां राज्य सरकार हर जरूरतमंद तक रसद सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रही है. सरकार की मंशा भी है कि हर व्यक्ति तक राहत पहुंचाई जाए, जिससे लॉकडाउन में किसी को कोई परेशानी नहीं हो. वहीं खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते राशन के गेहूं में मिट्टी की मिलावट भी सामने आ रही है.
वितरण के लिए पहुंचे गेहूं में मिट्टी की मिलावट ईटीवी भारत की टीम को जानकारी मिली कि वार्ड संख्या 35 की उचित मूल्य की दुकान में वितरण के लिए पहुंचे गेहूं में मिट्टी की मिलावट की हुई है. टीम ने उचित मूल्य की दुकान पर पहुंच वास्तविक जानकारी जुटाई तो राशन वितरण के लिए पहुंचे गेहूं में मिट्टी पाई गई. राशन विक्रेता से बातचीत करने पर बताया कि विभाग की ओर से भेजे गए गेहूं के कट्टों में बड़े पैमाने पर मिट्टी निकल रही है.
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50 किलो के कट्टे में पांच से दस किलो मिट्टी की मिलावट और नमी पाई गई है. ऐसे में वितरण करना भी संभव नहीं है. राशन विक्रेता ने बताया कि विभाग के अधिकारियों को अवगत भी करवाया गया. लेकिन अभी तक गेहूं बदले नहीं गए हैं. जिस कारण लोगों को गेहूं नहीं मिल पा रहा है.
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दरअसल मामला यह है कि बालोतरा के वार्ड संख्या 35 की उचित मूल्य की दुकान में वितरण के लिए पहुंचे गेहूं में मिट्टी की मिलावट पाई गई. ऐसे ही बालोतरा क्षेत्र की कई राशन दुकानों में नमी और मिट्टी की मिलावट की शिकायतें मिल रही हैं. लेकिन विभागीय अधिकारियों के ढीले रवैये के कारण राशन वितरण में देरी हो रही है. राशन लेने के लिए पहुंच रहे लोग गेहूं में मिट्टी की मिलावट होने के चलते राशन लेने से इनकार कर रहे हैं.