बाड़मेर.कोरोना की दस्तक के साथ ही सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया था. लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने स्कूल खोलने को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं. इसके चलते निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों में रोष है. 8 महीने से शिक्षण संस्थान बंद होने की वजह से स्कूल संचालकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर निजी शिक्षण संस्थान संघ ने जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया. जिसमें जिलेभर के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने भाग लिया और सरकार को चेतावनी दी कि 16 नवंबर तक सरकार स्कूल खोलने को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी करें, वरना 17 नवंबर से हम अपने स्तर पर विद्यालय खोल देंगे.
बाड़मेर में शिक्षण संस्थानों ने किया जिला स्तरीय सम्मेलन निजी शिक्षण संस्थान संघ के पेमाराम भादू ने बताया कि कोरोना की शुरुआत में सरकार ने स्कूल बंद कर दिए गए थे. करीब 8 महीने होने को हैं लेकिन तब तक सरकार की तरफ से स्कूल खोलने को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में निजी स्कूलों के संचालकों के खर्चों में कोई कमी नहीं आई लेकिन, उनकी आमदनी बंद हो गई. ऐसे में स्कूल संचालकों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिसमें सब कुछ खोलने की छूट मिल गई है. लेकिन अब तक शिक्षा के मंदिर को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं. जिसकी वजह से निजी स्कूलों के संचालकों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है और बच्चे भी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. इसलिए हमने 5 नवंबर को जिला मुख्यालय पर प्रेस वार्ता का आयोजन कर अपनी बात सरकार के समक्ष रखी थी. लेकिन अब तक सरकार ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ऐसे में रविवार को जिलेभर के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया है. जिसमें आगामी रणनीति को लेकर चर्चा की गई है.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि देशभर में चुनाव हो रहे हैं, चुनावी रैलियां हो रही है, मॉल, मंदिर और शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति मिल गई है. लेकिन शिक्षा के मंदिर पर अब भी ताला है और बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. ऐसे में सरकार को हमारा अल्टीमेट है कि 16 नवंबर तक सरकार स्कूल खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी करें. अन्यथा हम 17 नवंबर को अपने स्तर पर स्कूल खोल देंगे.