बाड़मेर. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने सोमवार को दिल्ली में अपने संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर में डीएनपी (डेजर्ट नेशनल पार्क) के कारण अवरुद्ध क्षेत्र के विकास कार्यों को विधिवत शुरू करवाने को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के राज्यमंत्री अश्विनी चौबे से मुलाकात की.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को बताया कि डीएनपी क्षेत्र में विकास कार्यों पर प्रतिबंध के कारण सरहदी गांवों के ग्रामीणों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ऐसे में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान शिव के पूर्व विधायक डॉ. जालम सिंह रावलोत और भारतीय रेलवे के पूर्व चीफ इंजीनियर एनआर चौधरी भी उपस्थित रहे.
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कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्यमंत्री अश्विनी चौबे को बताया कि राष्ट्रीय मरू उद्यान के तहत बाड़मेर-जैसलमेर की ग्राम पंचायतों के गांव इससे प्रभावित हैं. राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र होने के कारण इन गांवों में मोबाइल टॉवर, बिजली के खंभे, पानी की पाइप लाइन सहित कई मूलभूत विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों को लम्बे समय से मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है.
कैलाश चौधरी ने कहा कि सरहदी क्षेत्र के लोग प्रखर देशभक्त और पर्यावरण प्रेमी हैं. ऐसे में उनसे किसी भी तरह से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्हें हरसंभव विकास कार्य के लिए पर्याप्त छूट उपलब्ध करवाई जानी चाहिए. जब भी सीमांत क्षेत्र के लोगों से राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया जाता है, वे हमेशा तत्पर और अग्रणी रहते हैं. ऐसे में डीएनपी समस्या से प्रभावित इन गांवों को प्रतिबंध मुक्त करते हुए सुविधाएं प्रदान करवानी चाहिए.