बाड़मेर.राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में इस सर्दी के माहौल में भी राजनीति का पारा गरम है. ऐसे में गांव की सरकार चुनने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मुहिम छेड़ रखी है कि वोट करने और चुनाव प्रचार के दौरान महिलाएं अपना घूंघट हटा कर लोगों से मुलाकात करें और अपने हक की बात करें. लेकिन बाड़मेर में पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. महिला प्रत्याशियों ने भी अपने चुनाव प्रचार के में पूरी ताकत झोंक रखी है. महिला प्रत्याशी घूंघट में घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. ये महिला सरपंच प्रत्याशी महिलाओं की टोली बनाकर सुबह से ही घर से निकल जाती है और सारा दिन पैदल घर-घर जाकर वोट मांग रही है.
हालांकि पंचायत चुनाव 2020 के दूसरे चरण के मतदान में महज कुछ ही घंटे शेष है और चुनावी सरगर्मियां भी पूरे परवान पर है. सरपंच पद की महिला प्रत्याशी भी मुकाबले में पूरा दमखम लगा रही है. बाड़मेर ग्रामीण पंचायत से सरपंच पद के लिए महिला प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रही है. प्रचार के दौरान घूंघट का भी पूरा ख्याल रखती दिखाई दे रही है. बाड़मेर ग्रामीण से सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ और कमला देवी प्रजापत बुजुर्गों के पांव छूकर जीत का आशीर्वाद लेती और समर्थन की अपील कर रही हैं.
घूंघट को लेकर सरपंच प्रत्याशी महिला का बयान
सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ बताती है कि चुनाव प्रचार के दौरान घर घर जाकर सर्व समाज के लोगों से मिलने और उनकी समस्या जानने का पूरा प्रयत्न किया है. पार्वती राठौड़ के अनुसार उनके क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की और सड़क का मुद्दा है और महिला होने के नाते में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना प्राथमिकता रहेगी. जब घूंघट में प्रचार पर राय जानी गई तो सरपंच प्रत्याशी ने बेबाक अपनी बात रखते हुए कहा कि बेशक जमाना बदल गया हो पर बड़े-छोटे के रिश्ते नाते की अपनी एक मर्यादा है.