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बाड़मेर: अवैध संबंध के चलते भाई और बहन ने की थी चचेरे भाई की हत्या, 7 साल बाद आजीवन कारावास

बाड़मेर में अवैध संबंध के चलते बहन और भाई ने अपने ही चचेरे भाई को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं करीब 7 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी भाई और बहन को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ दोनों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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Published : Sep 4, 2020, 10:56 PM IST

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7 साल बाद आजीवन कारावास

बाड़मेर.भाई-बहन के बीच अवैध संबंध के चलते चचेरे भाई की हत्या के मामले में अपर जिला सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

7 साल बाद आजीवन कारावास

दरअसल मामला 4 जनवरी 2013, बाड़मेर के शिव थाना क्षेत्र का है. आरोपी भाई देवाराम और बहन हीरो के बीच नाजायज संबंध थे, जिसकी भनक उन्हीं के नाबालिग चचेरे भाई भूराराम को लग गई. उसके बाद इन दोनों भाई बहन ने मिलकर उसे ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. बाद में भाई-बहन ने अपने चचेरे भाई भूराराम को सुनसान जगह पर ले जाकर पत्थर से सिर फोड़कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद मृतक के चाचा हरदानराम ने लिखित रिपोर्ट देकर शिव थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया था.

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उसके बाद शिव थाना पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. न्यायालय में 7 साल तक चले इस ट्रायल में 32 गवाहों के बयानों के बाद अपर जिला सेशन न्यायाधीश सुशील जैन ने दोनों ही आरोपियों को मामले में दोषी माना और दोनों भाई व बहन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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वहीं इस पूरे मामले की पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक जसवंत बोहरा ने बताया कि हरदानराम ने शिव थाने में अपने नाबालिग भतीजे भूराराम की हत्या का मामला दर्ज करवाया था. इस पर पुलिस द्वारा प्रकरण की जांचकर आरोपी देवाराम और हीरो को अपराध अंतर्गत धारा 364, 302, 120 बी और भारतीय दंड संहिता में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया.

उन्होंने बताया कि कोर्ट में सात साल ट्रायल चला. विचारण में अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में कुल 32 गवाहों को परीक्षित करवाया तथा कुल 90 दस्तावेजों को न्यायालय के सामने प्रदर्शित कराया गया. न्यायालय ने साक्ष्य समाप्ति के पश्चात दोनों पक्ष की बहस सुनकर इस प्रकरण में दोनों आरोपी देवाराम और उसकी बहन हीरो को हत्या के अपराध में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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