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स्पेशल रिपोर्ट: सरहदी क्षेत्र चौहटन में 897 बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार

सरहदी क्षेत्र बाड़मेर के चौहटन में 897 बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार है. ये कुपोषण जिसका परिणाम ने केवल उनके बचपन पर पड़ रहा है, बल्कि उनका भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ उपचार और कुपोषण निवारण के लिए बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य महकमे द्वारा प्रयास किए जा रहे है. लेकिन गर्भवती, धात्री व किशोरियों को दी जाने वाली आयरन व फोलिक एसिड की टेबलेट्स भी उपलब्ध नहीं हो रही है.

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Published : Jan 4, 2020, 7:09 PM IST

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चौहटन में 897 बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार

चौहटन (बाड़मेर).कस्बे सहित चौहटन पंचायत समिति क्षेत्र में आज भी सैकड़ों नन्हे बच्चे कुपोषण के शिकार है. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक चौहटन ब्लॉक में 897 बच्चे कुपोषण से पीड़ित है. जिनके उपचार और कुपोषण निवारण के लिए बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य महकमे द्वारा प्रयास किए जा रहे है.

चौहटन में 897 बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार

बाल विकास परियोजना के अधिकारी ने बताया कि 897 बच्चे कुपोषण का शिकार है. जिन्हें आंगनबाड़ी केन्दों पर साप्ताहिक पोषाहार व एल्बेंडाजोल का घोल व टेबलेट के जरिए कुपोषण निवारण के प्रयास किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि केंद्रों पर गर्भवती व धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार के जरिए नवजात शिशुओं में कुपोषण की रोकथाम के भी प्रयास जारी है.

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इधर, स्वास्थ्य महकमा कुपोषण निवारण को लेकर उपचारात्मक व्यवस्था की जानकारी चाही तो वे अनभिज्ञ नजर आए. वहीं यहां गर्भवती, धात्री व किशोरियों को दी जाने वाली आयरन व फोलिक एसिड की टेबलेट्स भी उपलब्ध नहीं मिली है. ऐसे में सरकारी प्रयास नाकाफी नजर आ रहे है.

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उधर, दोनों ही विभाग संयुक्त रूप से कुपोषण के प्रति जन जागरूकता पैदा करने व कुपोषण निवारण व रोकथाम के प्रयासों की दावेदारी भी करते है. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाला पोषाहार जहां नाकाफी है, वहीं केंद्रों के नियमित रूप से ताले भी नहीं खुलते है. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रति जनमानस की नजर में भ्रष्ट विभाग की छवि बनी हुई है. जिसके चलते आमजन को इसके प्रति विश्वास भी नहीं है.

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