बारां. जिले से 80 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 27 के किनारे बड़े-बड़े पहाड़ों और जंगलों की हरियाली की गोद में बसा रियासत कालीन शाहबाद कस्बा 'छोटी कश्मीर' के नाम से भी विख्यात है. शाहबाद नगरी चारों ओर से हरियाली की चूनर ओढ़े जन्नत सी नजर आती है, जो नेशनल हाईवे से गुजरते राहगीरों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. और जिसे देख राहगीरों के कदम थम जाते हैं. हरियाली के बीचों-बीच स्थित कुंडा खोह, शाहबाद किला, माधव खोह जैसे पर्यटक स्थलों पर कोटा, बारा, झालावाड़ सहित मध्य प्रदेश के गुना, शिवपुरी और श्योपुर के दूरदराज इलाकों से मौज-मस्ती करने के लिए पर्यटक, परिवार के साथ यहां आते हैं.
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रविवार को यहां आए पर्यटकों ने दाल, बाटी और लड्डू की पार्टी कर संडे का लुफ्त उठाया. लेकिन मूल सुविधाओं के अबाव के चलते लोगों के मौज-मस्ती में खलल भी पड़ी. जिसे लेकर लोगों ने बताया कि कुंडा खोह पर जाने के लिए रास्ता बदहाल है. इस मार्ग पर संकेत बोर्ड नहीं लगाए गए हैं. इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को एक जगह से दूसरी जगह जाते समय परेशानी का सामना करना पड़ता है . जिससे कई बार, बाहर से आने वाले पर्यटक जंगल में ही भटक जाते हैं.
पर्यटकों का कहना है कि पर्यटन स्थलों पर पानी, खाने की व्यवस्थाएं होनी चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो और पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हो सके.पर्यटकों की माने तो अगर इन पर्यटन स्थलों पर पीने का पानी, खाना, लाइट, सड़क और सुरक्षा जैसी व्यवस्थाएं होंगी तो पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हो सकेगा और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा भी मिल सकेगा.