छबड़ा (बारां).कोरोना वायरस जैसी फैली महामारी की रोकथाम को लेकर लॉकडाउन लगाया गया है. जिसके तहत रविवार देर रात 12 बजे से राजस्थान से सटे मध्यप्रदेश बॉर्डर को फिर से सील कर दिया गया है. इसके साथ ही रास्ते में फसें मजदूरों को राहत शिविर में ठहराए जाने के निर्देश भी गृह विभाग की ओर से जारी कर दिए गए है. लेकिन इन आदेशों की छबड़ा में सरेआम धज्जियां उड़ती दिखी.
गृह सचिव की ओर से रविवार की रात को 12 बजे के बाद से सभी बार्डर और सीमाओं को सील करने के जारी निर्देशों के बाद भी सैकड़ों मजदूर बसों और ट्रकों से छबड़ा से लगते मध्यप्रदेश बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. सोमवार को बाड़मेर और जयपुर से करीबन तीन सौ महिला-पुरुष श्रमिकों को लेकर पहुंची. बसों के चालकों ने सभी को एमपी बॉर्डर पर छोड़ने की बजाय छबड़ा छोड़ दिया, जिसके बाद प्रशासन में हडकम्प मच गया.
मजदूरों ने बताया कि बस संचालक ने सात सात सौ रुपये प्रति सवारी भाड़ा तक लिया था. सैकड़ों की संख्या में बस स्टेंड और सालपुरा रोड़ पर जमा हुए मजदूरों की कोई स्क्रीनिंग भी नहीं की गई. आनन-फानन में नगर पालिका और सामाजिक संगठनों ने खाने का वितरण कराया गया और मौके पर मेडिकल टीम रवाना की गई. साथ ही पुलिस की ओर से बसों को रास्ते में रोक वापस बुलाने के निर्देश जारी कर मजदूरों को मध्यप्रदेश बॉर्डर पर छोड़ने के आदेश जारी किए गए.