बांसवाड़ा.ऑनलाइन ठगी के मामले हमारे सामने आते रहते हैं, लेकिन अब गरीबों का गेहूं भी साइबर क्राइम की चपेट में आ गया है. बांसवाड़ा जिले के 2 दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं का गेहूं साइबर अपराधियों द्वारा उठा लिया गया. साइबर अपराधियों की सेंधमारी से विभागीय अधिकारी भी चकरा गए. हालांकि विभाग तकनीकी मदद से सेंध मारने वाले तक पहुंच चुका है. विभाग के पोर्टेबिलिटी सिस्टम पर आने के साथ यह खतरा और भी बढ़ गया है.
हालांकि सरकार द्वारा फर्जी लोगों को सिस्टम से दूर करने के लिए पॉइंट ऑफ सेल मशीन पर अंगूठा लगाने का प्रावधान करने के साथ ही बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा रुका है, लेकिन कई उपभोक्ता ऐसे भी सामने आए जिनके हाथों की लकीरें खत्म हो चुकी हैं और पीओएस मशीन पर उनके फिंगरप्रिंट नहीं आ पाते. इनमें मजदूरी करने वालों के अलावा वृद्ध उपभोक्ता शामिल हैं. ऐसे लोगों को रियायती दर पर गेहूं प्रदान करने के लिए बायपास कैटेगरी बनाई गई. इन लोगों को फिंगरप्रिंट की बजाए मोबाइल मैसेज के आधार पर लाभ दिया जाता है.
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चौंक गए अधिकारी
शहर सहित आसपास के कुछ उपभोक्ता विभागीय अधिकारियों के पास पहुंचे और कहा कि उन्होंने गेहूं नहीं लिया, लेकिन राशन डीलर द्वारा उनका गेहूं उठाए जाने की बात कही जा रही है. जिसे लेकर राशन डीलरों पर आरोप-प्रत्यारोप तक लगाए गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय अधिकारी जब शिकायत के सत्यापन के लिए मौके पर पहुंचे तो राशन डीलरों द्वारा गेहूं उठाए जाने की बात कही. जबकि उपभोक्ताओं तक गेहूं नहीं पहुंचा.