राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

होली की रंगत में नजर आया बांसवाड़ा,आदिवासी वर्ग के लोग डांडिया और रंग खरीदारी के लिए पहुंचे बाजार

बासंवाड़ा में होली को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. रंग पर्व के बाद क्षेत्र में गेर रमने का दौर शुरू होता है. इसके लिए विशेष प्रकार के डांडिए की खरीददारी की जाती है. जिसकी खरीददारी के लिए ग्रामीण अंचल के लोग जिले के बाजारों में पहुंचे.

By

Published : Mar 9, 2020, 11:42 PM IST

बांसवाड़ा में डांडिया और रंग खरीदारी, Dandiya and Rang in banswara
डांडिया और रंग खरीदारी करने पहुंचे लोग

बांसवाड़ा.रंग पर्व होलिका दहन के बाद मनाए जाने का रिवाज है, लेकिन आदिवासी बहुल बांसवाड़ा में लोग 24 घंटे पहले ही इसकी रंगत में डूबे नजर आए. अंचल में रंग पर्व के बाद गेर रमने का दौर शुरू हो जाता है. इसके लिए विशेष प्रकार के डांडिए की खरीददारी की जाती है. ग्रामीण क्षेत्र से गैर खेलने वाले लोग बांसवाड़ा पहुंचे और डांडिया और रंग और गुलाल की खरीदारी करते दिखे. इस दौरान बाजारों में लोग अपने चित्त परिचितों को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते नजर आए.

डांडिया और रंग खरीदारी करने पहुंचे लोग

वागड अंचल में होली का विशेष महत्व है. क्योंकि इसके बाद शहर और ग्रामीण अंचल में गेर का दौर शुरू हो जाता है. इसमें हर आयु वर्ग के महिला पुरुष टोलियो के रूप में एक दूसरे के साथ विशेष डंडो से खेलते हैं. हालांकि यह गुजरात के गरबे से प्रेरित नृत्य है और उससे काफी मिलता-जुलता कहा जा सकता है. क्षेत्र में गैर नृत्य का दौर शीतला सप्तमी तक चलता है. हर गांव में इसकी धूम मची रहती है. उसी के लिए विशेष डांडिया की खरीदारी के लिए आस-पास के गांव से आस-पास के गांव से हर आयु वर्ग के लोग पहुंचते हैं.

ये पढ़ेंःबांसवाड़ा : पर्यावरण संरक्षण पर जोर, लकड़ी के बजाए 20 हजार कंडों की जलेगी होली

डांडिया और रंग गुलाल की खरीदारी के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण लोग शहर के बाजारों में पहुंचे. सुबह से ही लोगों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया. जो दोपहर बाद तक चलता रहा. खास बात यह रही कि मार्किट में पैर रखने वह जगह नहीं थी, लेकिन दुकानों में सन्नाटा ही पसरा रहा. खरीददारी केवल रंग, गुलाल और डंडियों तक ही सीमित रही. खरीदारी के दौरान मार्केट में लोगों ने अपने परिचितों को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं जरूर दी. इसे लेकर युवक-युवतियों में खासा उत्साह देखा गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details