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सेवानिवृत्ति से 24 घंटे पहले लैब बॉय को कोरोना सर्वे में ड्यूटी के आदेश

बांसवाड़ा के खांदू कॉलोनी में स्थित राजकीय विद्यालय में लैब बॉय पद पर कर्यरत नरेंद्र सिंह सिसोदिया 31 मार्च को रिटायर होने वाले थे, लेकिन रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही उनकी ड्यूटी कोरोना वायरस के सर्वे में लगा दी गई है, जिससे वे परेशान हैं. इसको लेकर वे प्रशासनिक विभाग के चक्कर काट रहे हैं.

Orders of Corona survey before retirement
सेवानिवृत्ति से 24 घंटे पहले लैब बॉय को थमा दिया कोरोना सर्वे ड्यूटी का आदेश

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Published : Mar 30, 2020, 6:01 PM IST

बांसवाड़ा. कोई भी व्यक्ति हो अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले से ही अपनी आगे की जिंदगी के सपने बुनने लगता है, लेकिन शहर के खांदू कॉलोनी राजकीय विद्यालय के लैब बॉय नरेंद्र सिंह सिसोदिया के पैरों तले से जमीन उस समय खिसक गई, जब रिटायरमेंट के 1 दिन पहले ही प्रशासन के एक आदेश मिला, जिसमें उनकी ड्यूटी कोरोना वायरस सर्वे में लगा दी गई है, जबकि 31 मार्च को उनका रिटायरमेंट होना है. आखिरकार घबराए हुए सिसोदिया आदेश को लेकर एसडीएम ऑफिस पहुंचे.

सेवानिवृत्ति से 24 घंटे पहले लैब बॉय को थमा दिया कोरोना सर्वे ड्यूटी का आदेश

दरअसल मामला यह है कि सिसोदिया शहर के खांदू कॉलोनी स्थित राजकीय विद्यालय में बतौर लैब बॉय के तौर पर काम कर रहे हैं और 31 मार्च को उनकी सेवानिवृत्ति के आदेश जारी हो चुके हैं. संबंधित विद्यालय की ओर से भी जिला शिक्षा अधिकारी को सिसोदिया की सेवानिवृत्ति से अवगत कराते हुए पेंशन प्रकरण बनाकर भेज दिया गया है.

सिसोदिया सेवानिवृत्ति पर किए जाने वाले कामकाज का प्लान तैयार कर रहे थे कि सोमवार को उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. प्रशासन की ओर से 30 मार्च को सुबह एक आदेश जारी किया गया, जिसमें लैब बॉय सिसोदिया की ड्यूटी कोरोना वायरस की सर्वे टीम में लगाने का उल्लेख था.

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इस आदेश को देखकर सिसोदिया घबरा गए. अपने कुछ मित्रों को आदेश के बारे में अवगत कराया तो, उन्हें ओपन अधिकारी कार्यालय जाने की सलाह दी. सिसोदिया कलेक्ट्रेट पहुंचे, तो वहां कोरोना वायरस को लेकर मीटिंगे और सर्वे ड्यूटी में व्यस्तता के कारण उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चुंडावत नहीं मिल पाई.

काफी चक्कर लगाने के बाद येन केन प्रकारेण एसडीएम से मिले और उनके समक्ष अपनी व्यथा रखी. सिसोदिया के अनुसार उन्हें सम्मानित डॉक्यूमेंट सहित पेश होने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ड्यूटी आदेश पर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. इस कारण वे इधर से उधर भटकने को मजबूर हैं.

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