बांसवाड़ा.जिले की वागड़ में स्थित एक ऐसा माता का मंदिर है, जो धीरे-धीरे दिव्यांगों की माता के नाम से भी पहचाना जाता है. शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर देवी विजवा माता का मंदिर अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा है. हाथ-पैर का मामला हो या शरीर में अन्य कोई विकार हो देवी मां के दरबार में हाजिरी लगाने से काफी आराम मिलता है. वहीं विकार वाले अंग ठीक हो जाने के बाद इसके बदले देवी मां को लकड़ी के अंग चढ़ाए जाते हैं. माता की इस विशेषता के चलते आस-पास ही नहीं अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
बतया जा रहा है कि रियासत कालीन से इस मंदिर की सेवा एक परिवार करता है. आज तीसरी पीढ़ी इसकी देखरेख कर रही है. श्रद्धालुओं की मानें तो देवी माता का यह चमत्कार ही कहा जा सकता है कि नवरात्रा ही नहीं रविवार और मंगलवार को सैकड़ों भक्त देवी मां के दरबार में हाजिरी लगाते हैं. वहीं बांसवाड़ा शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर डूंगरपुर रोड स्थित विजवा माता की ख्याति दिनों-दिन बढ़ रही है. बताया जाता है कि यहां लोग अपने दिव्यांग परिजनों को लेकर अते हैं और कुछ ही दिनों बाद वह ठीक होकर घर जाते हैं.
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