बांसवाड़ा.शहर के मोटा गांव थाना इलाके में बीते चार सितंबर को प्रेमी युगल द्वारा फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या करने का मामला दिनो-दिन पहेली बनता हुआ नजर आ रहा है. वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस जांच के इस मामले में अभी तक कई पहलुओं को छुआ भी नहीं है. परिजनों को इसे सुसाइड थ्योरी के तौर पर पेश कर युगल की मौत के कारणों पर पर्दा डाल रही है.
परिजनों ने खुद से ही इस पूरे मामले में कुछ सबूत जुटाए गए हैं. जिनसे कथित आत्महत्या का मामला कुछ नई कहानी बयां करता हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि मोटा गांव थाना क्षेत्र के देलवाड़ा रावणा गांव में 20 दिन पहले सुबह देवी लाल बुनकर के पुराने मकान में उसके पुत्र करण और जगपुरा गांव निवासी कन्हैया लाल मेघवाल की पुत्री मनीषा एक साथ फंदे पर झूलते पाए गए थे. पुलिस ने मौके का मुआयना कर मामले को आत्महत्या करार दिया था.
वहीं बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर प्रेमी युगल फंदे पर झूले हुए थे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि दोनों के पांव जमीन पर टिके हुए थे. यहां तक कि आधा-आधा फीट पावं जमीन पर थे. वहीं हैंगिंग के मामलों में ऐसा संभव नहीं है. हवा में झूलने पर सारा जोर गर्दन पर पड़ता है और रस्सी के खिंचाव से गले की नदी टूटते हुए सांस लेना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आंखें और जुबान बाहर निकल आती है. जबकि इस मामले में ऐसा कुछ भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
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