बांसवाड़ा. गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय बांसवाड़ा में आनन-फानन में कृषि संकाय खोल दिया गया. लेकिन एक साल बाद भी ना लेक्चरर लगाए गए और ना ही कोई लैब खोली गई. इससे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है. संकाय को कृषि अनुसंधान केंद्र शिफ्ट करने की मांग करते हुए विद्यार्थी गुरुवार से आंदोलन पर उतर गए.
बांसवाड़ा में विद्यार्थी आंदोलन पर महाविद्यालय में गत वर्ष यह संकाय खोला गया था. काउंसलिंग के बाद 60 विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ. विद्यार्थियों की माने तो अमूमन कृषि संकाय, कृषि अनुसंधान केंद्र या कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित होते हैं लेकिन वहां पर बोरवट में कृषि अनुसंधान केंद्र होने के बावजूद संकाय को वहां शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. जबकि उनके यहां पढ़ाने के लिए कोई प्राध्यापक नहीं है और ना ही कृषि संबंधी कोई लैब है.
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बता दें कि विषय पूर्णतया प्रायोगिक होता है लेकिन राजकीय महाविद्यालय में प्रयोग के लिए कोई लैब नहीं है और ना ही पढ़ाने वाले कोई लेक्चरर. कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करते हुए विद्यार्थियों का कहना था कि उनकी यह मांग पिछले 1 साल से चल रही है.
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कलेक्टर के साथ मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों को भी उन्होंने अपनी मांग पहुंचाई लेकिन अब तक को सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. इसी कारण उन्हें धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती धरना जारी रहेगा. बारिश के बाद भी धरनार्थियों का जोश कम नहीं हुआ और वे अपनी मांग को लेकर आवाज बुलंद करते रहे. उन्होंने मांग रखी है कि जब तक संकाय को कृषि अनुसंधान केंद्र में शिफ्ट नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.