अजमेर.जिले के केकड़ी में दीपावली की खुशियों के बीच गुर्जर समाज ने एक अनूठी परंपरा का निवर्हन (Unique tradition of Gurjar society in Rajasthan) किया. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के दिन गुर्जर समाज के लोग अपने एक निश्चित स्थान पर जाकर तालाब में छांट भरकर अपने पितरों की तृप्ति के लिए धूप लगाते हैं. ऐसे तो हर समाज में श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को धूप लगाने की प्रथा है, लेकिन गुर्जर समाज के लोग अपने पूर्वजों को याद (Remembering ancestors on Diwali) करने के बाद ही दीपावली का दीया जलाते हैं. वहीं, पितरों को याद करने के दौरान समाज के लोग छांट भरते हैं और फिर हाथों में जल लेकर तर्पण करते हैं.
इससे जहां तालाबों, एनिकटों व अन्य जल स्रोतों को शुद्ध रखने की सीख मिलती है तो वहीं इस परंपरा से भाईचारा भी बढ़ता है. इस परंपरा पर समाज के गोपाल गुर्जर मोलकिया ने कहा कि छांट भरने के बाद ही समाज के लोग दीपावली की खुशियां मनाते हैं. इस मौके पर समाज के लोग एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अपने पितरों को खीर व चूरमे का भोग लगाते हैं. छांट भरने के बाद सभी खाना खाते हैं.