अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रण में संभाग की 29 सीटों पर रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं. विगत 2018 में अजमेर संभाग के सियासी हालातों पर नजर डालें तो कांग्रेस की स्थिति संभाग में मजबूत थी. संभाग की 29 सीटों में से कांग्रेस को 14 और बीजेपी को 12 सीटें मिली थी, जबकि दो आरएलपी और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी. इस बार सियासी हालात बदल चुके हैं. भाजपा ध्रुवीकरण और कांग्रेस अपनी योजनाओं के भरोसे चुनावी मैदान में है.
सत्ता विरोधी लहर का फायदा कांग्रेस को मिला:राजस्थान की सियासत में अजमेर संभाग की 29 सीटें काफी मायने रखती है. संभाग में चार जिले अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा और टोंक जिला शामिल है. 2018 के चुनाव में अजमेर की 8 सीटों में से भाजपा को 5, कांग्रेस को 2 और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी. नागौर जिले की 10 सीटों में से कांग्रेस के खाते में 7, बीजेपी एक और आरएलपी को दो सीटें मिली थी. भीलवाड़ा की 7 सीटों में से 5 बीजेपी, 2 सीट कांग्रेस को मिली थी. टोंक की चार सीटों में से 3 कांग्रेस और 1 सीट बीजेपी को मिली थी. यानी 29 सीटों में से कांग्रेस का 14 और भाजपा का 12, आरएलपी का 2 और 1 सीट निर्दलीय के कब्जे में थी. 2018 के चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का फायदा कांग्रेस को मिला. युवा जोश और अनुभव की जुगल जोड़ी ने प्रदेश में भाजपा को सत्ता से वंचित कर दिया था. 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इसमें अजमेर संभाग से एक उपमुख्यमंत्री, दो कैबिनेट मंत्री बने थे.
पढ़ें :'सत्ता का द्वार' मेवाड़ ! उदयपुर संभाग की इन सीटों पर है दिलचस्प मुकाबला
2018 में अजमेर की सीटों पर इन चेहरों ने पाई थी विजय :
- अजमेर उत्तर : वासुदेव देवनानी, बीजेपी
- अजमेर दक्षिण : अनीता भदेल, बीजेपी
- पुष्कर : सुरेश सिंह रावत, बीजेपी
- नसीराबाद : रामस्वरूप लांबा, बीजेपी
- मसूदा : राकेश पारीक, कांग्रेस
- ब्यावर : शंकर सिंह रावत, बीजेपी
- किशनगढ़ : सुरेश टांक, निर्दलीय
- केकड़ी :डॉ रघु शर्मा, कांग्रेस