अजमेर.हर त्योहार की तरह कोरोना ने रावण दहन पर भी असर डाला है. दशहरे से पहले बाजारों में और लोगों के चेहरों पर जो रौनक देखी जाती थी, इस बार वह गायब है. पिछले साल विजयादशमी पर बारिश हो गई थी. वहीं, इस साल कोरोना ने रावण के पुतले बनाने वाले कारीगरों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है.
अजमेर में विजयादशमी के लिए छोटे कामगारों ने राम भरोसे रावण बनाने का काम शुरू कर दिया है. पिछले साल बारिश ने इन कामगारों को नुकसान में डाल दिया था. वहीं, इस बार कोरोना महामारी की वजह से इनके बनाए रावण बिकेंगे या नहीं, यह भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना जरूर है कि विनाश के भय से निर्माण नहीं रुकता है. उसी तरह इन कामगारों को महामारी काल में राम के भरोसे बनाए गए रावण बिकने की उम्मीद है.
कोरोना महामारी से गाज सबसे ज्यादा छोटे कामगारों को उठानी पड़ रही है. विजयादशमी नजदीक है. अजमेर नगर निगम पटेल स्टेडियम में इस बार दशहरा मोहत्सव नहीं मनाएगा. वहीं, रावण दहन भी नहीं होगा, लेकिन शहर और गांवों में गली-मोहल्लों में छोटे रावण इस बार दहन होंगे. इसको लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है.
पिछले साल की भरपाई पूरी होने पर भी संशय...
अजमेर के पीसांगन से एक दर्जन परिवार हर साल आकर अजमेर में खुले आसमान के नीचे गुजर बसर कर रावण बना कर बेचते आए हैं. पिछले साल बारिश की वजह से उनके रावण खराब हो गए थे और उन्हें काफी नुकसान हुआ था. इस बार हिम्मत कर यह गरीब कामगार कमाई के लिए शहर में जगह-जगह रावण बना रहे हैं.