अजमेर.कोरोना महामारी के साथ ही सरकार ने ब्लैक फंगस यानी मयूकर माइक्रोसिस को भी महामारी घोषित कर दिया है. म्यूकर माइक्रोसिस के बारे में जानकारी देते हुए शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल सांवरिया ने बताया कि ब्लैक फंगस कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है. कोरोना संक्रमण के बाद मरीज की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है.
अजमेर के डॉक्टर अनिल सांवरिया ने दिए ब्लैक फंगस से बचने के टिप्स यदि किसी को डायबिटीज है, तब उसके ब्लैक फंगस का शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है. ब्लैक फंगस हवा से नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. शरीर में प्रवेश के बाद यह धीरे-धीरे अपना असर दिखाता जाता है. लंग्स, किडनी, ब्रेन और लिवर आदि को अपना शिकार बना लेता है. जिससे संक्रमण बढ़ने पर व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है. इससे बचने के उपाय में डॉक्टर सांवरिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने का खास ध्यान रखना चाहिए. खाने में पौष्टिक भोजन और सलाद को शामिल करना चाहिए.
यह भी पढ़ें.Ground Report : 45 दिन में 50 मौतें, COVID-19 टेस्ट कराना है तो तय करना होगा लंबा सफर
इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति गंदे मास्क का उपयोग ना करें. 8 घंटे से ज्यादा मास्क ना लगाएं. यदि चेहरे के साथ-साथ आंखों में भी लालिमा या सूजन दिखाई दे तो स्वयं उपचार ना करें बल्कि डॉक्टर से संपर्क करें. अजमेर में ब्लैक फंगस की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर सांवरिया ने बताया कि अजमेर में अब तक ब्लैक फंगस के 2 मरीज पाए गए हैं. जिनमें से एक का ऑपरेशन गुरुवार को किया जा चुका है और एक का ऑपरेशन संभवत शुक्रवार को किया जाएगा.
यह भी पढ़ें.पाली में ब्लैक फंगस ने बढ़ाई डॉक्टरों की चिंता, लोगों को सावधान रहने को कहा
इसके अलावा शहर में ब्लैक फंगस की दो संदिग्ध केस भी मिले हैं. जिन्हें डायग्नोज करने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक शहर में ब्लैक फंगस के कंफर्म दो ही केस हैं. डॉक्टर सामरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है. बस कुछ एहतियात बरतकर हम ब्लैक फंगस से बच सकते हैं. सामान्यतः इसका वायरस वायुमंडल में ही रहता है. इसका असर सिर्फ उन लोगों पर होता है. जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. इसीलिए इस वक्त सभी को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना जरूरी है.