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उदयपुर में श्वान के काटने से गाय को हुआ रेबीज, परिवार के सदस्यों ने लगवाई रेबीज वैक्सीन

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Published : Jan 30, 2021, 4:02 AM IST

उदयपुर में एक गाय को श्वान के काटने से रेबीज का मामला सामने आया है. इसके बाद परिवार के सदस्यों ने भी अस्पताल पहुंचकर रेबीज की वैक्सीन लगवाई.

cow has a case of rabies in Udaipur,  Rajasthan News
उदयपुर में श्वान के काटने से गाय को हुआ रेबीज

उदयपुर. जिले में अजीबोगरीब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. गाय को श्वान के काटने से रेबीज का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार शहर के तितरडी इलाके में एक गाय को शुक्रवार को श्वान ने काट लिया. गाय का दूध परिवार के सदस्यों के पीने के बाद चिंता का साया मंडराने लगा, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने कुत्ते से होने वाले रेबीज का वैक्सीन हॉस्पिटल में लगवाई.

जानकारी के अनुसार जिस गाय को बीती रात देवेंद्र सिंह और उनके परिवार ने दूध पिया है, उसको एक श्वान ने काट लिया. गाय का दूध पीने से परिवार को भी रेबीज का खतरा देखते हुए परिवार के सदस्यों ने एंटी रेबीज और टिटनेस का इंजेक्शन अस्पताल पहुंचकर लगवाया. फिलहाल, गाय की हालत स्थिर बताई जा रही है.

31 जनवरी से पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत

उदयपुर जिले में बच्चों को पोलियो मुक्त बनाने हेतु 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान 31 जनवरी से शुरू किया जाएगा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने बताया कि भारत सरकार की ओर से बच्चों को पोलियो मुक्त रखने की दिशा में देशभर में पोलियो मुक्त भारत अभियान के तहत पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम 31 जनवरी से शुरू किया जाएगा.

पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान

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खराड़ी ने बताया कि 31 जनवरी को प्लान के अनुसार निर्धारित पोलियो बूथ पर और 1 व 2 फरवरी को घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. आरसीएचओ डॉ. अंकित जैन ने बताया कि इस अभियान के लिए जिले में कुल 2275 बूथ तैयार किए गए हैं, जिसमें 1173 बूथ 2 सदस्यीय और 1102 बूथ 4 सदस्यीय होंगे. साथ ही जिले में 6746 हाउस टू हाउस टीमें तैयार की गई है.

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले, ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चे एवं जिनका हेल्थ केयर फैसिलिटी पर पहुंचना संभव नहीं है, उनको दवा पिलाने के लिए जिले में 78 मोबाइल टीमें तैयार की गई है. बता दें कि 31 जनवरी से संचालित होने वाले इस अभियान हेतु कुल 4,94,958 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इस संपूर्ण अभियान की प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु जिले में 366 सुपरवाइजर भी नियुक्त किए गए हैं.

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