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उपचुनाव का रण: धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा में कल होगी मतगणना, निर्वाचन विभाग की तैयारियां पूरी - Counting of votes

राजस्थान की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हो चुका है. वल्लभनगर में 71.45 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया तो वहीं धरियावद में 69.38 प्रतिशत मतदान हुआ है. दोनों जगह कुल 70.41 प्रतिशत मतदान हुआ. मंगलवार को सुबह 8 बजे से मतगणना होगी. पढ़ें पूरी खबर...

उपचुनाव की मतगणना, Dhariyawad and Vallabhnagar assembly by election result
उपचुनाव की मतगणना

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Published : Nov 1, 2021, 2:30 PM IST

उदयपुर. प्रदेश के धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव को लेकर मंगलवार को जिला मतगणना आयोजित होगी. उपचुनाव को लेकर मतगणना प्रकिया प्रातः 8 बजे से शरू की जाएगी. जिसे लेकर निर्वाचन विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. वहीं उपचुनाव में जीत को लेकर राजनीतिक दलों अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. ऐसे में उपचुनाव को लेकर मंगलवार को दोनों विधानसभा क्षेत्रों की तस्वीर भी साफ हो जाएगी.

धरियावाद में मतगणना

धरियावाद विधानसभा उपचुनाव के रण में कुल 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. जिसमे कांग्रेस से नगराज मीणा, भाजपा के खेतसिंह मीणा तथा बिटीपी से निर्दलीय हुए थावचन्द डामोर के बीच यह त्रिकोणी मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है. धारियावद विधानसभा उपचुनाव की मतगणना जिला मुख्यालय प्रतापगढ में सीनियर हायर सेकंडरी विद्यालय परिसर में सुबह 8 बजे से ईवीएम मशीनों के जरिए शरू होगी. बता दें कि 10 टेबल पर 24 रांउड में यह मतगणना पूरी की जाएगी. जिसे लेकर निर्वाचन विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है.

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वल्लभनगर विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबला

उदयपुर की वल्लभनगर सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला है. यहां भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना के अलावा आरएलपी भी मैदान में है. वल्लभनगर में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला 4 प्रत्याशियों के बीच है.

वल्लभनगर में कांग्रेस का पलड़ा भारी

वल्लभनगर कांग्रेस, भाजपा, जनता सेना और आरएलपी के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है. यह सीट कांग्रेस के पायलट कैंप के माने जाने वाले विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई थी. कांग्रेस ने गजेंद्र की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया. प्रीति शक्तावत को सिम्पैथी वोट मिलने की भारी गुंजाइश के कारण कांग्रेस इस सीट पर जीत तय मान रही है. सीएम गहलोत और सचिन पायलट दोनों इस सीट पर प्रचार कर चुके हैं.

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क्या भाजपा के झाला दे पाएंगे टक्कर ?

भाजपा ने प्रीति शक्तावत के सामने युवा नेता हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है. झाला के टिकट को लेकर भी बवाल मचा. इस सीट पर गुलाबचंद कटारिया के मनचाहे उम्मीदवार को टिकट नहीं देकर पार्टी ने झाला को टिकट दिया. पहले यहां जनता सेना के संयोजक रणधीर सिंह भींडर की पत्नी को टिकट दिये जाने की बात थी, लेकिन कटारिया अड़ गए.

वल्लभनगर के मुद्दे

वल्लभनगर में भाजपा ने रोजगार और पेयजल को मुद्दा बनाया है. विकास के नजरिये से भी यहा इलाका पिछड़ा है. जबकि कांग्रेस ने लगातार केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई की जिम्मेदार और किसान विरोधी करार देकर मतदाताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश की. वल्लभनगर में भाजपा लंबे समय से जीतने में असफल रही है.

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धरियावद विधानसभा सीट पर मुकाबला

प्रतापगढ़ जिले की धरियावद विधानसभा सीट एसटी के लिए आरक्षित सीट है. भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के बाद 10 महीने से यह सीट खाली है. धरियावद से भाजपा और कांग्रेस के अलावा 7 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं. इस सीट पर भाजपा कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होगा, लेकिन बीटीपी और निर्दलीय प्रत्याशी भी पूरा जोर लगा रहे हैं.

धरियावद में भाजपा के खेत सिंह दिखाएंगे कमाल ?

भाजपा विधायक गौतमलाल मीणा के बेटे कन्हैया लाल मीणा को पार्टी की तरफ से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी. लेकिन पार्टी ने कन्हैया लाल को टिकट नहीं दिया. हालांकि कन्हैया लाल को संगठन में जिम्मेदारी देकर मना लिया गया, लेकिन उनके समर्थकों में टिकट न मिलने का मलाल है. टिकट का एलान हुआ तो कन्हैया लाल के निवास लड़ासिया में उनके समर्थक जुट गए थे. मुख्यमंत्री गहलोत भी गौतमलाल मीणा के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे जिस पार राजनीति गर्मा गई थी. भाजपा ने खेत सिंह मीणा पर दांव खेला है. खेत सिंह प्रतापगढ़ अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला प्रमुख हैं.

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कांग्रेस के नगराज में कितना दम ?

कांग्रेस ने धरियावद से नगराज मीणा को मैदान में उतारा है. नगराज इस सीट पर 3 बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि नगराज को सिम्पैथी वोट मिलेगा. राज्य में कांग्रेस की सरकार होने का भी फायदा मिलेगा. साथ ही भाजपा अगर कन्हैया लाल को टिकट देती तो शायद सिम्पैथी वोट कन्हैया लाल को मिलता. अब कांग्रेस का दावा है कि नगराज यह सीट निकाल लेंगे. कांग्रेस ने धरियावद में प्रचार के दौरान पूरी ताकत झौंक दी. खुद मुख्यमंत्री ने यहां ताबड़तोड़ सभाएं की थी.

जीत-हार का क्या असर पड़ेगा ?

वर्तमान विधानसभा में कांग्रेस की 106 और बीजेपी की 71 सीटें हैं. धरियावद और वल्लभनगर की सीटों पर जीत-हार का सत्ता पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. लेकिन यह सरकार और विपक्ष का लिटमस टेस्ट जरूर साबित होगा. जिस तरह अलवर और धौलपुर के पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस ने दबदबा कायम किया है, उसी तरह इन दोनों सीटों पर कांग्रेस जीतती है तो 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उसका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.

इसके अलावा अगर भाजपा दोनों सीटों पर जीतती है तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कद बढ़ेगा. हालांकि एक-एक पर मुकाबला बराबर भी रह सकता है. इसके साथ ही यहां जनता सेना, बीटीपी और आरएलपी के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहेंगी. फिलहाल परिणाम के लिए 2 नवंबर तक इंतजार करना होगा.

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