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#TokyoOlympic2020 : दुनिया देखेगी आज राजस्थान की बेटी का दमखम, टोक्यो के मैदान में उतरेंगी भावना जाट

राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर रेलमगरा उपखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव काबरा की रहने वाली बेटी जब पैदल चाल प्रतियोगिता में टोक्यो ओलंपिक के मैदान में उतरेगी, जिसमें पैदल चाल प्रतियोगिता में दुनिया भर के 60 प्रतियोगियों के साथ ट्रैक पर उतर कर अपना दमखम दिखाएगी.

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भावना जाट

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Published : Aug 5, 2021, 10:12 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 6:29 AM IST

उदयपुर. कहते हैं कुछ कर गुजरने के इरादे अगर मजबूत हों तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. ऐसा ही कर दिखाया राजस्थान की बेटी भावना जाट ने, जो बुलंद इरादे और कड़े परिश्रम के बल पर एक नया मुकाम हासिल करने जा रही है. मेवाड़ में जन्मी भावना जाट कल टोक्यो ओलंपिक में भाग लेंगी. अब भारत की निगाहें इस बेटी की ऊपर टिकी हुई हैं, जो भारत को विश्व पटल पर अपने फौलादी इरादों से एक बार फिर रोशन करेंगी.

टोक्यो के मैदान में उतरेंगी भावना जाट

दरअसल, राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर रेलमगरा उपखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव काबरा की रहने वाली बेटी जब पैदल चाल प्रतियोगिता में टोक्यो ओलंपिक के मैदान में उतरेगी, जिसमें पैदल चाल प्रतियोगिता में दुनिया भर के 60 प्रतियोगियों के साथ ट्रैक पर उतर कर अपना दमखम दिखाएगी. इसे लेकर राजसमंद सहित पूरे राजस्थान के साथ भारत की निगाहें भी बेसब्री से उस पल का इंतजार कर रही हैं. जब धोरों की धरती से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखने का काम करेंगी.

जानकारी के अनुसार भारतीय समय अनुसार शुक्रवार दोपहर 1 बजे भावना पैदल चाल प्रतियोगिता में भाग लेंगी. इसे लेकर उनके गांव में भी खासा उत्साह का माहौल है. लोग भगवान से उनकी जीत की दुआ कर रहे हैं, लेकिन भावना का अब तक का सफर इतना आसान नहीं रहा. उन्होंने गरीबी की बेड़ियां तोड़ते हुए अपने कड़ी परिश्रम और मेहनत के परिणाम पर यह मुकाम हासिल किया है.

एक साधारण परिवार में जन्मी पली-बढ़ीं भावना इससे पहले भी कई उपलब्धि अपने नाम हासिल कर चुकी हैं, जिसमें झारखंड के रांची में आयोजित प्रतियोगिता में जीत कर टोक्यो ओलंपिक के लिए उन्होंने क्वालीफाई किया था.

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बता दें, भावना ने 20 किलोमीटर वॉक रेसिंग प्रतियोगिता को 1 घंटे 29 मिनट और 54 सेकेंड में पूरा किया था. भावना के पिता शंकरलाल किसान हैं, इसके अलावा भावना के दो भाई और परिवार में मां है. शुरुआत से भावना को इतनी सुविधा नहीं मिल पाई जितनी मिलनी चाहिए थी, बावजूद भी भावना ने अपने नाम का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया.

भावना जाट के स्कूल के कोच हीरा लाल कुमावत बताते हैं कि 1 दिन गांव के ही विद्यालय में शारीरिक शिक्षा की क्लास चल रही थी, तभी भावना ने शिक्षक हीरालाल से पूछा कि क्या इस 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में वह भी भाग ले सकती है. तब हीरालाल निसंकोच भावना को मौका दिया और भावना के प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने उसे कई अन्य प्रतियोगिता में भी शिरकत करने का मौका दिया.

इसके साथ ही उन्होंने भावना को और छोटी से छोटी पैदल चाल की बारीकियों से अवगत कराया, जिसके कारण भावना पहले राज्य फिर राष्ट्रीय स्तर तक अपना हुनर बिखेरने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग ले रही हैं. वर्तमान में भावना कोलकाता में इंडियन रेलवे में नौकरी करते हुए खेलों में भाग ले रही हैं. भावना भी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया साईं के बेंगलुरू स्थित परीक्षण केंद्र में तैयारी कर रही हैं. अब पूरे देश और गांव को उस घड़ी का इंतजार है जब भावना जाट मैदान में उतरेंगी.

Last Updated : Aug 6, 2021, 6:29 AM IST

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