कोटा. सांगोद के विधायक भरत सिंह बारां जिले में सोरसन अभ्यारण में गोंडावन संरक्षण को लेकर कई बार मुद्दा उठा चुके हैं. इसी मुद्दे पर लेकर वे कोटा में 27 मार्च को प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं. जिसका उद्घाटन प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी करेंगे. भरत सिंह में शुक्रवार को इस संबंध में मीडिया से जानकारी साझा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हैबिटेट नष्ट हो जाएगा, वन्य जीव और पक्षियों का जीवन कुछ नहीं बचेगा. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि मंत्री प्रमोद जैन भाया (Bharat Singh comment to minister Pramod Jain Bhaya) को केवल खनिज के बारे में पता है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पानी नहीं रहेगा, तो मछली को बचाने की चर्चा करना व्यर्थ है, उसी तरह से जब गोंडावन के लिए संरक्षित सोरसन ही नहीं बचेगा, तो वहां पर प्रजनन के बाद में कैसे गोंडावन और उसके बच्चों को छोड़ा जाएगा. सोरसन में ही खनन लीज जारी कर दी गई है. इससे इस पूरे एरिया को नष्ट किया जा रहा है. उसी क्षेत्र से लगे हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत के कारण वन विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि अनुमति मिलने के बाद कायदे से यहां खनन शुरू हो सकता है, लेकिन हम इसको शुरू नहीं होने देंगे. बहुत बड़ी क्षति इससे हो जाएगी. हम आवाज उठाते रहेंगे. जब मीडिया ने सवाल पूछा कि मंत्री प्रमोद जैन भाया कहते हैं कि सोरसन में ना तो गोंडावन था, ना यह एरिया उनके लिए मुफीद है. इस पर विधायक भरत सिंह ने जवाब दिया कि मंत्री भाया को केवल खनिज के बारे में पता है. वे केवल यह बात कर सकते हैं कि कहां पर सोना व पत्थर खोद सकता हूं. जिससे पैसा मिलेगा, उसके विशेषज्ञ हैं. वन, पर्यावरण और गोंडावन उनका विषय नहीं है.
मीडिया ने जब भरत सिंह से पूछा कि सीएम अशोक गहलोत ने इस पर कोई दखल नहीं दिया है, तब विधायक सिंह ने जवाब दिया कि मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखता रहता हूं, जिनके जवाब भी आते हैं. सबसे बड़ी बात है कि यह बजट घोषणा की मुख्यमंत्री ने ही की है. मुख्यमंत्री को अपने इस बजट घोषणा की समीक्षा करनी चाहिए. जबकि मुझे पता लगा है कि बारां के तीन जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने भारत सरकार के मंत्री को पत्र लिख दिया है कि गोंडावन बचाने की आवश्यकता नहीं है. यह सीधी से इस तरह की मिसाल है कि खेत को खेत की बाड़ खा जाएं, वैसे मैं फसल को बचाना कठिन होता है.