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Exclusive: महापौर मंजू मेहरा बोलीं- ससुर ने नर्स की नौकरी नहीं करने दी, फिर राजनीति में आजमाए हाथ...अब महापौर बनी

मंजू मेहरा साल 2002 में कांग्रेस से जुड़ीं. पहला चुनाव उन्होंने साल 2004 में कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का लड़ा, जिसमें वे 109 वोट से चुनाव हार गईं. इसके बाद साल 2009 में वे 687 वोट से कांग्रेस से जीती और पार्षद बनीं. साथ ही साल 2018 में वह महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और लगातार महिला कांग्रेस के लिए उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में काम किया. इसके बाद साल 2020 में भी वे 694 वोट से जीतीं और पार्षद बनने के बाद महापौर का चुनाव भी जीत गईं.

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महापौर मंजू मेहरा ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...

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Published : Nov 10, 2020, 9:54 PM IST

कोटा.कोटा नगर निगम उत्तर के चुनाव में मंगलवार को कांग्रेस की मंजू मेहरा महापौर निर्वाचित हो गई हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि साल 1982 में वह मेडिकल डिपार्टमेंट में नर्स की जॉब के लिए चयनित हो गई थीं. लेकिन उनके ससुर सूरजमल ने बेटा छोटा होने के चलते उन्हें जॉब करने से मना कर दिया. इसके बाद वे साल 2002 में राजनीति में आईं और लगातार कांग्रेस के लिए काम कर रही थीं और अब महापौर चुनी गई हैं.

महापौर मंजू मेहरा ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...

मंजू मेहरा का जन्म कोटा शहर के ही कैथूनीपोल इलाके में साल 1959 में हुआ था और उनका विवाह रामपुरा निवासी 1979 में चेतन प्रकाश से हो गया था. उनके पति चेतन प्रकाश डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं. वहीं बेटा अरुण मेहरा नगर निगम में फायरमैन की जॉब करता है. साथ ही एक बेटी प्रीति मेहरा जो कि मास्टर्स की पढ़ाई कर चुकी हैं. मंजू मेहरा विवाह के बाद से ही कांग्रेस से जुड़ी हैं. मंजू मेहरा बताती हैं कि साल 1982 में उनका चयन नर्स की भर्ती में हो गया था, लेकिन सेंट्रल गवर्नमेंट कि जॉब करने वाले उनके ससुर देहरादून में पोस्टेड थे. ऐसे में उन्होंने साफ मना कर दिया और उन्हें जॉब नहीं करने दी.

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कांग्रेस नेतृत्व का दिया धन्यवाद

मंजू मेहरा ने ईटीवी भारत से कहा कि प्रदेश नेतृत्व, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आशीर्वाद से ही महापौर बनी हैं, जो जिम्मेदारी मुझे दी है. उसको मैं पूरी तरह से निभाउंगी. जनता और पार्षदों का भी पूरा सहयोग रहा है, जितने भी पार्षद जीत कर आए हैं. उनके वार्डों में सभी समस्याओं को दूर करवाने का काम किया जाएगा. उनके वार्डों में जहां भी गलियां, सड़कें, नालियां, पटान, सामुदायिक भवन, स्ट्रीट लाइट और सुलभ कॉम्पलेक्स बनवाने समेत जो भी काम वे सब होंगे. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पूरे प्रदेश के साथ कोटा में भी विकास कार्य करवा रहे हैं.

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पूरी कच्ची बस्ती का दौरा कर प्राथमिक से करेंगे काम

शहर में काफी पिछड़ी बस्तियां कोटा उत्तर के एरिया में आती है. उनके विकास का भी प्लान होगा. मैं पहले वार्डों और कच्ची बस्तियों का दौरा करूंगी और फिर जो प्राथमिकता होगी उसके आधार पर काम किया जाएगा.

महापौर नगर निगम में बैठते नहीं है, यह शिकायत होती है, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं पूरे टाइम नगर निगम में दूंगी और सभी लोगों के लिए दरवाजा हमेशा खुला रहेगा. कभी भी कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आ सकेगा, हर समस्या का समाधान किया जाएगा. नगर निगम में होने वाले छोटे-छोटे कामों से आम जनता जुड़ी रहती है, लेकिन समस्याएं होती हैं. इस पर मंजू मेहरा ने कहा कि भवन निर्माण की स्वीकृति और छोटी समस्याएं जिनसे आम जनता का सीधा काम पड़ता है, उनको लेकर काफी परेशानी उन्हें उठानी पड़ती है. जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र वगैरह जो भी समस्याएं हैं. इनको जल्द से जल्द अधिकारी पूरा करें, जनता चक्कर नहीं काटे. इसके लिए उन्हें आदेश भी दिए जाएंगे.

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कोचिंग एरिया में भी होंगे विकास, अधिकारियों के साथ मिलकर करेंगे

अधिकारियों से महापौर का हमेशा टकराव होता है. इस सवाल के जवाब में मंजू मेहरा ने कहा कि मैं चाहूंगी कि अधिकारी और हम मिलकर काम करेंगे और अच्छा विकास शहर का होगा. दो बड़े कोचिंग एरिया लैंड मार्क और कोरल आपके नगर निगम एरिया में है, उनके लिए व्यवस्था रहेगी. मंजू मेहरा ने कहा कि कोचिंग एरिया में मेस और हॉस्टल चलते रहते हैं. गंदगी काफी उनके जरिए होती है, समय पूरी मॉनिटरिंग और व्यवस्था रहेगी. बाहर से आने वाले बच्चों को अच्छा और सुंदर शहर नजर आए, यह प्रयास हमारे रहेंगे. इनकी समस्याओं को मिलकर दूर करेंगे.

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