कोटा. मुख्यमंत्री आवास जयपुर में हुई रोजा इफ्तार पार्टी को लेकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधायक मदन दिलावर ने सीएम गहलोत पर हमला बोला है. दिलावर का कहना है कि हाड़ौती संभाग के बारां जिले के छबड़ा में बीते साल अप्रैल में दंगा हुआ था. इस दंगे में आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए थे. पुलिस उन्हें आज भी ढूंढ रही है जबकि यह दंगाई मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी (CM Gehlot having Iftar party with rioters) में शामिल हो रहे हैं.
मदन दिलावर ने बीते साल हुए छबड़ा दंगे में शामिल आरोपियों को आतंकवादी बताया है. दिलावर ने यह भी आरोप (Madan Dilawar allegation) लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन लोगों की अगवानी कर भोजन परोस रहे हैं. इन दंगाइयों से गले मिल रहे और हाथ मिला रहे हैं. विधायक ने इन आरोपियों के नाम भी सार्वजनिक किए हैं. इनमें छबड़ा नगर पालिका पार्षद और उनके परिजन शामिल हैं.
दिलावर का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और पुलिस इनकी तलाश भी कर रही है. पुलिस कह रही है कि हम किसी दंगाई को नहीं छोड़ेंगे. सभी को पकड़कर सजा दिलवाएंगे, और तलाशने में परेशान है. लेकिन यह आरोपी तो मुख्यमंत्री निवास पर ही छुपे हुए हैं. दिलावर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत का निवास दंगाइयों,आतंकवादियों का अड्डा बन गया और मुख्यमंत्री खुद उन्हें शरण (Dilawar allegation that gehlot gave shelter to rioters ) दे रहे हैं.
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कानून के अनुसार राजस्थान पुलिस ऐसे सभी लोगों को गिरफ्तार करेगी. पुलिस शरण देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करती है. ऐसे में इन दंगाइयों को भोजन कराने, पनाह देने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे में मुख्यमंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए.
मां सरस्वती के जन्म और पढ़ाई के सूचना मांगने पर भड़के दिलावर
विधायक मदन दिलावर का कहना है कि प्रदेश के शिक्षा विभाग ने सभी अधिकारियों को पत्र भेजा है कि फरवरी 2022 में स्कूलों में सरस्वती माता की मूर्तियां किसके आदेश से लगाई गई हैं और यह मूर्तियां क्यों लगाई गई हैं. इनके सभी आदेशों को भी सरकार ने मंगाया है. दिलावर ने कहा कि इसका अर्थ क्या है? उन्होंने इसे सरकार का षड्यंत्र बताया है. यह भी पूछा है कि जिन्होंने मूर्तियां लगाई हैं क्या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी या फिर सरकार की मंशा इन मूर्तियों को हटाने की है.
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दिलावर का कहना है कि यह लोग आरटीआई के तहत जानकारी मांगने का हवाला दे रहे हैं. जबकि सरस्वती मां कब पैदा हुईं, कहां से और कौन से स्कूल में पढ़ीं व कौन सी डिग्री प्राप्त की हैं इस तरह से आरटीआई के तहत सवाल पूछने वाले को कोई जवाब भी नहीं दिया जा सकता था. ऐसे बेहूदा सवाल पूछने पर कार्रवाई भी की जा सकती थी. सरस्वती मां को लेकर इस तरह के रवैये को राजस्थान क्या पूरा देश बर्दाश्त नहीं करेगा. इससे साबित हो रहा है कि प्रदेश सरकार विद्या की देवी मां सरस्वती की कितनी विरोधी है.