कोटा. चंबल नदी के सबसे बड़े बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर में भारी मात्रा में पानी की आवक हो रही है. इसके चलते वहां से सीजन में पहली बार गेट खोल कर पानी की निकासी शुरू कर दी गई (Gandhi Sagar dam gate opened) है. शुरुआत में करीब 60 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी, जिसे बढ़ाकर शाम 7 बजे 1 लाख 60 हजार क्यूसेक कर दिया गया है.
पानी की निकासी के लिए तीन टरबाइन और 5 सलूज व 3 क्रेस्ट खोले गए हैं. जिसके कारण ही प्रदेश के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में स्थित राणा प्रताप सागर से 1 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसके बाद बूंदी जिले में स्थित जवाहर सागर और कोटा बैराज से भी करीब 3 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की (Water withdrawn from Jawahar Sagar) जाएगी. यह देर रात बढ़ाई जाएगी. वर्तमान में यह निकासी डेढ़ लाख के आसपास है, लेकिन यह रात तक बढ़ कर तीन लाख तक पहुंच जाएगा. इसके चलते ही कोटा से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बहेगी.
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जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी ने बताया कि कोटा बैराज के भी करीब 10 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही (Water withdrawn from Kota Barrage) है. यह निकासी अभी बढ़ाकर एक लाख के आसपास की गई है. राणा प्रताप सागर बांध से करीब 1,80,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में यह पानी का इनफ्लो जवाहर सागर और कोटा बैराज में भी बढ़ेगा, जिससे निकासी बढ़ेगी. इस भारी मात्रा में पानी की निकासी होने के साथ ही कोटा के नयापुरा इलाके की निचली बस्तियों में पानी भरने की संभावना बन गई है. ऐसे में पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है.