राजस्थान

rajasthan

By

Published : Jun 19, 2020, 7:55 PM IST

ETV Bharat / city

अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को UIT कोटा ने रोका, कार्यालय के लिए बीजेपी लेगी कोर्ट का सहारा

गृह मंत्री अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को कोटा में आकर धक्का लग गया है. उनका प्रोजेक्ट था कि हर शहर में भाजपा का कार्यालय हो, लेकिन कोटा में जो कार्यालय के लिए जमीन आवंटित की गई थी. उसे कांग्रेस की सरकार बनते ही नगर विकास न्यास ने रद्द कर दिया. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए 2 करोड़ 5000 रुपए जमा करा दिए थे. जमीन रद्द होने को भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ओछी मानसिकता बता रही है.

kota news, Amit Shah Dream Project
अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को UIT कोटा ने रोका

कोटा.भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को कोटा में आकर धक्का लग गया है. उनका प्रोजेक्ट था कि हर शहर में भाजपा का कार्यालय हो, लेकिन कोटा में जो कार्यालय के लिए जमीन आवंटित की गई थी. उसे कांग्रेस की सरकार बनते ही नगर विकास न्यास ने रद्द कर दिया. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए 2 करोड़ 5000 रुपए जमा करा दिए थे. जमीन रद्द होने को भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ओछी मानसिकता बता रही है. साथ ही न्यायालय में जाने की बात भी कह रही है.

अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को UIT कोटा ने रोका

जानकारी के अनुसार भाजपा शासन में 4 साल पहले कोटा शहर भाजपा कार्यालय के लिए 80 फिट रोड पर दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा कार्यालय के लिए 3000 वर्ग गज जमीन आवंटित की गई थी. इसके लिए भाजपा की ओर से 2 करोड़ रुपए जमा करवाए थे और उसकी रजिस्ट्री भी करवा ली थी. वह तो शासन मंत्री शांति धारीवाल ने जमीन की जांच करवाने के निर्देश दिए थे.

पढ़ेंःभाजपा कार्यकर्ता स्वप्रेरणा से करेंगे चीनी उत्पादों का बहिष्कार: सतीश पूनिया

इसके बाद यूआटी ने रेलवे से आवंटित जमीन होने का हवाला देते हुए इसका आवंटन रद्द कर दिया है. भाजपा जिलाअध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी का कहना है कि पैसा जमा करवाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी. साथ ही इसका शिलान्यास भी कर दिया गया था. वहीं नक्शा पास करने के लिए हमने यूआईटी को डीडी जमा करवाया था, जो उन्होंने वापस लौटा दिया. साथ ही जमीन को रद्द करने की बात कही है. इस मामले में कांग्रेस की ओछी मानसिकता सामने आ रही है. सरकारें आती-जाती रहती है, लेकिन इस तरह से आवंटन रद्द कर देना गलत है. इसके लिए न्यायालय का सहारा लेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details