कोटा.कोरोना के चलते मेडिकल कॉलेज कोटा के अस्पताल पूरी तरह से हाउसफुल स्थिति में पहुंच गए हैं. इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा जिला प्रशासन ने ईएसआई और रेलवे अस्पताल को भी अधिकृत किया था, वहां भी हालात अब फुल जैसे ही हो गए हैं. मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह अब नहीं है. क्योंकि बीते 4 दिनों में 4500 से ज्यादा मरीज कोटा में सामने आए हैं. जिनमें से अधिकांश गंभीर अवस्था में हैं. साथ ही इस महीने की बात की जाए तो कोटा में 13000 मरीज सामने आ चुके हैं.
पढ़ें:कोविड टीकाकरण अभियान में 1.30 लाख शिक्षकों की लगाई जाएगी ड्यूटी, हर स्कूल से दो शिक्षक लगेंगे
इसी क्रम में अब जिला प्रशासन ने नई स्ट्रेटजी के तहत अलग-अलग भवनों में कोरोना सेंटर खोलने की योजना बना चुके हैं. जिसके तहत कोटा विश्वविद्यालय के एकेडमिक ब्लॉक को जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया और उसे मेडिकल कॉलेज के अधीन कर लिया गया है. जहां पर पलंग भी आज एक कमरे में लगा दिए गए हैं. शुरुआत में 20 पलंग लगाए गए हैं. साथ ही इस कोविड-19 को 500 मरीजों की क्षमता तक पहुंचाया जा सकता है. इसकी जानकारी देते हुए यूआईटी के तहसीलदार गजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें भवन खोजने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसके बाद इस बिल्डिंग को तय किया गया है. अधिकारियों ने इस का दौरा भी कर लिया और अब इसमें कोरोना सेंटर शुरू किया जा रहा है. साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर भी यहां पहुंचाए जा रहे हैं.
कोटा में कोविड केयर सेंटर प्रभारी सचिव ने किया दौरा
प्रभारी सचिव राजेश यादव ने भी कोटा विश्वविद्यालय के इस एकेडमिक ब्लॉक के भवन को देखने पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान जिला कलेक्टर और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना भी मौजूद थे. जल्द ही यहां पर उपचार शुरू करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं. जिसके बाद तहसीलदार गजेंद्र सिंह और नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी सहित पूरी टीम इस कोविड सेंटर को शुरू करने में जुटी हुई है. उन्होंने यहां पर साफ सफाई करवा दी है. साथ ही पलंगों को भी असेंबल करवा दिया. जिन पर गद्दे बिछा दिए गए हैं.