कोटा. हड़ौती में भारी बारिश के कारण पहले जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वहीं, अब किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है. भारी बारिश के कारण कोटा संभाग की करीब 11 लाख बीघा की फसल खराब हो गई है. बारिश का पानी खेतों में भरा रहा और उसकी निकासी नहीं हो पाई. ऐसे में खेतों में जल प्लावन की स्थिति हो गई और किसानों की फसल लंबे समय तक पानी भरा रहने के चलते खराब हुई है.
हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा सोयाबीन और उड़द की फसल में हुआ है. यह खराबा कहीं-कहीं पर 90 फ़ीसदी तक है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेतों में पानी भरा रहने से 20 से लेकर 75 फ़ीसदी तक फसलें खराब हुई हैं. यह आंकड़े प्राथमिक हैं. अगले 2 दिन में बारिश की क्या स्थिति रहती है. उसके अनुसार ही फसल खराबी का पूरा पता चल पाएगा.
कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि बीते 4 दिन से संभाग के कई एरिया में 350 से 400 मिलीमीटर बारिश हुई है. इसके चलते बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा जिले में फसलों में खराबा आया है.
कोटा में 4 लाख बीघा में फसल खराब
कोटा संभाग में सबसे ज्यादा खराबा कोटा जिले में हुआ है. कोटा जिले में इटावा, दीगोद, सांगोद, लाडपुरा में सबसे ज्यादा फसल खराबे की सूचना है. करीब चार लाख से ज्यादा बीघा जमीन में सोयाबीन और उड़द को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद बूंदी जिले में भी करीब 391000 बीघा जमीन में खराबा सामने आया है. इसमें केशोरायपाटन, तालेड़ा और इंद्रगढ़ तहसील में खराबा हुआ है. इसके अलावा बारां जिले में किशनगंज, छबड़ा, छीपाबड़ौद, अटरू और मांगरोल में सर्वाधिक खराबे की सूचना है. जिसमें की तीन लाख से ज्यादा बीघा में बोई गई फसल को नुकसान पहुंचा है. झालावाड़ जिले में सबसे कम 1572 बीघा में ही फसल खराब हुई है.