जोधपुर. भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले (Bhanwari Devi kidnapping and murder) के आरोपियों को जमानत मिलना शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में लगभग सभी आरोपी जेल से बाहर होंगे. खास बात ये है कि बहुत कम ऐसे मामले होते हैं जिनमें ट्रायल के दौरान आरोपियों को जमानत नहीं मिलती.
सीबीआई (CBI) की ओर से पेश की गई चार्जशीट और जोड़े गए साक्ष्यों के आधार पर 9 साल से चल रही सुनवाई के दौरान आरोपियों को जमानत नहीं मिली. अब जमानत का सिलसिला शुरू हुआ है तो यह माना जा रहा है मामले के फैसले में अभी लम्बा समय लगेगा. सीबीआई ने जोधपुर की विशेष अदालत में अपनी पूर्ण चार्जशीट 29 फरवरी 2012 को पेश कर दी थी.
उसके बाद मामले की सुनवाई प्रारंभ हुई, जो अभी तक चल रही है. बीते 9 साल में सीबीआई ने 197 गवाह अपनी ओर से पेश किए. इनमें पुलिस अधिकारी और अन्य गवाह शामिल हैं, जो सीबीआई ने आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में पेश किए. इन गवाहों की ओर से घटना को लेकर कोर्ट में दी गई जानकारी के आधार पर कोर्ट ने मुलजिम बयान के दौरान प्रत्येक आरोपी से 1050 सवाल पूछे थे. हालांकि अभी एक और महत्वपूर्ण गवाह एफ़बीआई की वैज्ञानिक अंबर बी कार का पेश होना बाकी है.
यूं लगेगा फैसले में समय
अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही लगभग खत्म हो चुकी है. बयान मुलजिम भी हो चुके हैं. अब मुलाजिमों की ओर से साक्ष्य सफाई यानी डिफेंस के गवाह होंगे और उसके बाद अंतिम बहस होगी. जिसके बाद फैसला आएगा. लेकिन फैसला आने तक इस प्रक्रिया में काफी लंबा समय लग सकता है. क्योंकि 17 आरोपियों की ओर से अपने पक्ष के गवाह पेश किए जाएंगे.
इन सभी गवाहों से सीबीआई के वकील भी सवाल पूछेंगे और जिरह होगी. अभी आरोपियों की ओर से कितने गवाह पेश किए जाएंगे, यह सूची भी सामने आई नहीं है. अगर सभी की ओर से मिलाकर भी 50 गवाह आते हैं, तो उनके बयान और जिरह में 2 से 3 साल का समय लग जाएगा. इस दौरान अगर कोई प्रार्थना पत्र लग जाते हैं तो मामला और लंबा हो जाएगा. उसके बाद अंतिम बहस और फैसला होगा.