जोधपुर. हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू इस सप्ताह के अंत तक पैरोल खत्म कर सेंट्रल जेल वापस जाएगा. लेकिन जेल में गैंगवार के डर से जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा ने उन चारों बदमाशों को अजमेर शिफ्ट करवा दिया है जिन्होंने कैलाश मांजू की हत्या की सुपारी दी थी. शर्मा ने पुलिस के इनपुट के आधार पर न्यायिक हिरासत में जेल में आये इन चारों आरोपियों को शिफ्ट कराया है.
जोधपुर जेल में मांजू के कई आदमी अलग-अलग बैरक में मौजूद हैं. कुछ दिनों बाद कैलाश भी जब जेल में होगा तो उस स्थिति में दोनों गैंग आमने-सामने हो सकते हैं. जेल में गैंगवार होती रही है. इसे ध्यान में रखते हुए शिफ्टिंग का निर्णय लिया गया है. जेल सूत्रों की मानें तो जिन चारों बदमाशों को अजमेर भेजा गया है उनके लिए वहां भी रहना इतना आसान नहीं होगा.
क्योंकि अजमेर जेल में लॉरेंस के कई गुर्गे मौजूद हैं. लॉरेंस और कैलाश मांजू के बीच सॉफ्ट कनेक्शन हो सकता है. ऐसे में मांजू के कहने पर लॉरेंस के गुर्गे हिस्ट्रीशीटर दिनेश भम्बानी, विक्रम सिंह नांदिया, सुभाष कड़वासरा और मनोहर सिंह के लिए परेशानी बन सकते हैं. इसके चलते अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में इन चारों को फिलहाल अलग बैरक में रखा गया है.
गौरतलब है कि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने इस बात का खुलासा किया था कि दिनेश भम्बानी, विक्रम सिंह नांदिया ने मिलकर राजू फौजी को कैलाश मांजू की हत्या की सुपारी 80 लाख रुपए में दी थी. इसके एवज में 40 लाख का भुगतान भी कर दिया गया था.
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लेकिन ऐन वक्त पर राजू फौजी ने सुपारी वापस कर दी थी. इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि आने वाले दिनों में जब भी मांजू और विक्रम आमने-सामने होंगे तो गैंगवार होना तय है. इसको लेकर चारों के विरुद्ध मांजू के परिवारजनों ने भी परिवाद पेश किया है.
लॉरेंस और व्यापारियों के बीच मध्यस्थ बना था मांजू