जोधपुर. उदय मंदिर थाना पुलिस ने सोमवार देर रात को थाना क्षेत्र में आरटीडीसी होटल के पास फुटपाथ पर सो रहे मजदूर परिवार के बेटे के अपहरण के मामले का खुलासा करते हुए एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मामले की इतला मिलने के आठ घंटे में बच्चा बरामद कर (Police recovered kidnapped child in Jodhpur) लिया.
डीसीपी भरत भूषण यादव ने बताया कि एक महिला के कोई संतान नहीं है. इसलिए उसने दो युवकों को अपने लिए एक बच्चा लाने को कहा था. इसके लिए उसने युवकों एक हजार रुपए की पेशगी दी थी. लाने के बाद और रुपए देना था. इसको लेकर डील चल रही थी, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया. उन्होंने बताया कि महिला के काम के लिए युवक कई दिनों से फुटपाथ पर सोने वाले लोगों की रेकी कर रहे थे. सोमवार रात करीब 12 बजे झालावाड़ से आए मजदूर गिरिराज का परिवार गहरी नींद में था. उस समय दोनों युवक वहां पहुंचे और सावधानी पूर्वक बच्चे प्रदीप को उठाया और लेकर चले गए. सुबह करीब पांच बजे गिरिराज की पत्नी उठी तो उसने देखा कि उसके 4 साल का बेटा प्रदीप मौके पर नहीं है.
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उसने गिरिराज को बताया और आस-पास फुटपाथ पर सो रहे दूसरे लोगों को भी बताया रोते बिलखते दोनों पति-पत्नी सुबह 5:30 बजे उदय मंदिर थाने पहुंचे. घटना की जानकारी मिलते ही थाना अधिकारी अमित सियाग भी थाने पहुंचे और उच्चाधिकारियों को सूचना देकर अलग-अलग टीमें बनाकर बच्चे की तलाश शुरू की. डीएसटी टीम को भी शामिल किया. इसके लिए अभय कमांड में बैठकर आसपास के सैकड़ों कैमरे तलाशे गए, जिसमें अपहरण करने वाले दोनों युवक नजर आए. एक जगह मोटर साइकिल का नंबर साफ नजर आने के बाद पुलिस अपहरण करने वालो के पास पहुंची. दोनो युवकों को पुलिस ने दस्तयाब किया.
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पूछताछ में उन्होंने बताया कि कागा क्षेत्र में रहने वाली महिला रेखा अपने पति से अलग रह रही है, उसके कोई संतान नहीं है. उसने उन्हें छोटा बच्चा लाने के लिए रुपए देने शुरू किए, जिसके चलते आरोपी युवक बंटी और आकाश ने प्रदीप का अपहरण किया. डीएसटी टीम के सब इंस्पेक्टर दिनेश डांगी की टीम ने रेखा के घर से प्रदीप को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंपा.
श्मशान की तरफ बाइक मुड़ी तो बढ़ी चिंताः पुलिस की टीमों ने घटना की जानकारी मिलने के बाद अभय कमांड सेंटर पर बैठकर अलग-अलग कैमरे तलाशने शुरू किए. कई कैमरे तलाशने के बाद जब युवक नजर आए और लगातार कैमरे देखने पर जब उनकी बाइक काका शमशान की ओर मुड़ी तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. युवकों के बच्चे को शमशान की तरफ जाने से कई तरह की शंकाए पैदा हो गई. खास तौर से कहीं बच्चे की नरबली न हो जाए. इसके बाद और तेजी से टीमों ने प्रयास शुरु किए. इस बीच बाइक की पहचान होने से अपहरण करने वालो तक पुलिस पहुंच गई और बच्चे की बरामदगी से अधिकारियों की जान में जान आई.