जोधपुर/जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई. इनमें कुल 1 लाख 29 हजार 560 मुकदमों का निस्तारण किया गया.
जयपुर में लोक अदालत का शुभारंभ हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर उन्होंने कहा की लोक अदालत राजीनामे से मुकदमों के अंतिम निस्तारण का महत्वपूर्ण जरिया है. उन्होंने कहा की किसी भी कार्य का आंकलन उसके आंकड़ों के बजाए किए गए प्रयासों से किया जाना चाहिए. लोक अदालत में सुनवाई के लिए 902 बैंच का गठन कर चार लाख 57 हजार 493 लंबित एवं प्री-लिटिगेशन के मामलों को रैफर किया गया. हाईकोर्ट स्तर पर लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण के लिए मुख्यपीठ, जोधपुर में पांच बैंच का गठन कर 1527 प्रकरण और जयपुर पीठ में 7 बैंच का गठन कर 2811 मुकदमें रैफर किए गए थे. लोक अदालत में चैक अनादरण, धन वसूली मामले, मोटर दुर्घटना, घरेलू हिंसा, तलाक को छोड़कर अन्य वैवाहिक प्रकरणों को सूचीबद्ध किया गया. प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने बताया कि लोक अदालत को सफल बनाने के लिए पहली बार ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर काउन्सलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया गया. इसके साथ ही साईकिल रैली, ऊंट रैली के साथ ही प्रभात फेरी भी निकाली गई.
राज. उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि जोधपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ न्यायाधीश और राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति अध्यक्ष विजय बिश्नोई ने दीप प्रज्जवलन कर किया. इस अवसर पर न्यायाधीश रामेश्वर व्यास, न्यायाधीश सुदेश बंसल, न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड, न्यायाधीश समीर जैन व अधिवक्तागण मौजूद रहे. राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए उच्च न्यायालय में 5 बैंचों का गठन किया गया. इसमें कुल 304 प्रकरणों का निस्तारण कर 43,993,975 रुपए के अवार्ड पारित किए गए.